10 फ़रवरी 2014
बढिय़ा बर्फबारी से बढ़ेगी सेब की लाली
महंगाई के इस दौर में सेब आपकी जेब को थोड़ी राहत दे सकता है। बेहतर पैदावार से इस बार सेब की कीमतें कम रह सकती हैं। सेब उत्पादक क्षेत्रों में इस बार अच्छी बर्फबारी होने सेब को फायदा पहुंच रहा है, जिससे सेब की पैदावार बढऩे की संभावना है। मुख्य सेब उत्पादक राज्य जम्मू-कश्मीर में इस बार पिछले साल से भी ज्यादा बर्फबारी हुई है। हालांकि हिमाचल प्रदेश के कुछ सेब उत्पादक इलाकों में पिछले साल से कम बर्फ पड़ी है। लेकिन सेब किसानों का कहना है कि मौसम सेब के अनुकूल है। पिछले साल कश्मीर में 12 करोड़ पेटी और हिमाचल में 3 करोड़ पेटी (प्रति पेटी 18 से 20 किलोग्राम) सेब हुआ था। इन दोनों राज्यों के अलावा उत्तराखंड में भी सेब का उत्पादन होता है। पिछले साल त्रासदी के कारण उत्तराखंड में सेब की लगभग पूरी फसल बर्बाद हो गई थी लेकिन इस बार कुछ सुधार हो सकता है।
अखिल भारतीय सेब उत्पादक संघ के महासचिव व जम्मू-कश्मीर के सेब किसान हाजी अब्दुल अहद रथर ने बताया कि सेब उत्पादक क्षेत्रों में पिछले साल से ज्यादा बर्फबारी हुई है, जिससे पौधों में लंबे समय तक नमी बनी रह सकती है। इससे पैदावार बढऩे की उम्मीद है। संघ के अध्यक्ष व हिमाचल प्रदेश के सेब किसान रवींद्र चौहान कहते हैं कि हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और किन्नौर में अच्छी बर्फबारी, बारिश हुई है लेकिन शिमला के सेब उत्पादक इलाकों में बर्फबारी कम हुई है लेकिन मौसम अनुकूल बना हुआ है। चौहान ने कहा कि अगर मार्च में बर्फबारी होती है या बारिश के कारण मौसम ठंडा रहता है तो निश्चित तौर पर इस साल ज्यादा सेब पैदा होगा।
हिमाचल के सेब किसान लेखराज चौहान ने कहा कि पिछले साल के मुकाबले 2-3 फुट कम बर्फ पड़ी हैं लेकिन मौसम अनुकूल रहा तो इसकी भरपाई हो जाएगी। दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी के सेब कारोबारी मीठाराम कृपलानी ने बताया कि इस मंडी में सेब की आवक कम होने से मंडी में सेब 40 से 80 रुपये किलो बिक रहा है।bs hindi
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें