11 फ़रवरी 2014
रिकॉर्ड पैदावार से निकलेगा आलू का दम
कुछ समय पहले तक सातवें आसमान पर रहीं आलू की कीमतों से परेशान उपभोक्ताओं को अब इससे राहत मिलने के आसार हैं। पिछले साल आलू की कीमतों में तेजी को देखते हुए किसानों ने इस बार ज्यादा बुआई की है, जिससे उत्पादन बढऩे की उम्मीद है। मौसम भी आलू की फसल के लिए अनुकूल है, जिससे वर्ष 2013-14 के दौरान आलू की रिकॉर्ड पैदावार होने का अनुमान है। लिहाजा इस साल आलू के भाव भी नरम रहने की संभावना है। पैदावार बढऩे की उम्मीद में आलू के भाव अभी से गिरने शुरू हो चुके हैं। जानकारों का कहना है कि आगे कीमतों में और नरमी के आसार हैं।
राष्टï्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठïान (एनएचआरडीएफ) के निदेशक आर पी गुप्ता ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि पिछले साल बुआई के समय आलू महंगा था, जिससे किसानों इसकी बुआई ज्यादा की। इसके अलावा मौसम भी अनुकूल रहने से वर्ष 2013-14 के दौरान देश में रिकॉर्ड 464.43 लाख टन आलू के उत्पादन का अनुमान है जबकि वर्ष 2012-13 में 453.43 लाख टन आलू पैदा हुआ था। जानकारों का कहना है कि आलू के उत्पादन में सबसे ज्यादा 24 फीसदी बढ़ोतरी ओडिशा में होने का अनुमान है। महाराष्टï्र में 20 फीसदी, हरियाणा में 9 फीसदी, कर्नाटक व मध्य प्रदेश में 5 फीसदी और मुख्य उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में 4 फीसदी पैदावार बढऩे का अनुमान है।
उत्तर प्रदेश के आलू किसान बटुकनारायण मिश्रा भी मानते हैं कि बेहतर भाव मिलने से किसानों ने ज्यादा आलू लगाया है। आजादपुर मंडी के आलू कारोबारी त्रिलोकचंद शर्मा ने कहा कि अच्छी पैदावार की उम्मीद से इस साल आलू के दाम कम ही रहेंगे। शर्मा ने कहा कि पैदावार बढऩे की संभावना से कीमतों पर अभी से दबाव देखा जा रहा है। एनएचआरडीएफ के आंकड़ों के मुताबिक इस साल दिल्ली में आलू के भाव 800 से 1400 रुपये प्रति क्विंटल से घटकर 560 से 1080 रुपये, आगरा में 800 से 900 रुपये से घटकर 650 से 725 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं।
सस्ते प्याज से किसान हलाकान
कुछ समय पहले तक ग्राहकों को रुला रहा प्याज अब किसानों के आंसू निकाल रहा है। प्याज के भाव में आ रही गिरावट का आलम यह है कि एशिया में प्याज की दो सबसे बड़ी मंडी पिंपलगांव और लासलगांव में किसान प्याज सड़कों पर फेंकने की तैयारी कर रहे हैं। एनएचआरडीएफ के अनुसार लासलगांव मंडी में प्याज के भाव 30 फीसदी घटकर 6.25 रुपये प्रति किलोग्राम रह गए जो 1 फरवरी को 8.75 रुपये प्रति किलोग्राम थे। पिंपलगांव में भी प्याज का भाव 8 रुपये प्रति किलोग्राम से घटकर 5.50 रुपये प्रति किलोग्राम रह गया है। पिछले साल अक्टूबर में प्याज 60 से 80 रुपये प्रति किलो के भाव पर बिक रहा था। एपीएमसी पिंपलगांव के निदेशक अतुल शाह ने कहा कि ऊंचे दाम के कारण किसानों ने खूब बुआई की थी लेकिन दाम इतने घट गए हैं कि उन्हें अपना माल फें कना पड़ रहा है। (BS Hindi)
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