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13 जून 2025

दाल मिलों की मांग घटने से उड़द एवं चना मंदा, अरहर में मिलाजुला रुख

नई दिल्ली। दाल मिलों की खरीद कमजोर होने के कारण घरेलू बाजार में गुरुवार को  उड़द एवं चना के भाव में गिरावट दर्ज की गई जबकि इस दौरान अरहर की कीमतों में मिलाजुला रुख रहा। मसूर के दाम तेज हुए, जबकि मूंग की कीमत दिल्ली में तेज हुई।


जानकारों का मानना है कि दालों का आयात इसी तरह से बेरोकटोक जारी रहा तो देश कभी भी दालों के मामले में आत्मनिर्भर नहीं बन पायेगा। वास्तव में आत्मनिर्भर की बात तो भूल ही जाइए, इसी तरह से आयात जारी रहा तो किसान को दलहन की बुआई से भी हतोत्साहित करेगा। केंद्र सरकार चाहे कितना भी न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी बढ़ा ले।

बर्मा से आयातित उड़द एफएक्यू एवं एसक्यू के भाव में चेन्नई में लगातार तीसरे दिन कमजोर हो गए। उड़द एफएक्यू के भाव जून एवं जुलाई शिपमेंट के 15 डॉलर कमजोर होकर 750 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ रह गए, जबकि इस दौरान एसक्यू उड़द के भाव जून एवं जुलाई शिपमेंट के 15 डॉलर घटकर 825 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ बोले गए। लेमन अरहर के भाव चेन्नई में जून तथा जुलाई शिपमेंट के 40 डॉलर तेज होकर 750 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ हो गए।

चेन्नई में आयातित उड़द की कीमत डॉलर में तीसरे दिन कमजोर हो गई, हालांकि इस दौरान म्यांमार में इनके दाम स्थिर बने रहे। घरेलू बाजार में दाल मिलों की मांग कमजोर होने से इसके भाव में गिरावट दर्ज की गई। जानकारों के अनुसार दाल मिलें उड़द की खरीद जरूरत के हिसाब से कर रही है क्योंकि हाल ही में उड़द के आयात पड़ते सस्ते हुए हैं। म्यांमार के निर्यातकों की बिकवाली बराबर बनी हुई है। जबलपुर लाइन से देसी उड़द की आवक पहले की तुलना में बढ़ी है। हालांकि खपत का सीजन होने के कारण उड़द दाल में मांग भी बनी रहने की उम्मीद है साथ ही दक्षिण भारत की दाल मिलों की खरीद भी उड़द में अभी बनी रहेगी। जानकारों के अनुसार जबलपुर और गुजरात की गर्मियों की फसल पहले की तुलना में बढ़ी है। ऐसे में उड़द की कीमतों में तेजी मानकर व्यापार नहीं करना चाहिए।

चेन्नई में लेमन अरहर के दाम तेज हुए हैं, लेकिन म्यांमार में इसके दाम स्थिर ही बने रहे। घरेलू बाजार में दाल मिलों की सीमित मांग से अरहर की कीमतों में मिलाजुला रुख रहा। आयात पड़ते महंगे होने के कारण आयातकों की बिकवाली कम हुई है, इसलिए इसके भाव में हल्का सुधार बन सकता है। हालांकि दाल मिलें जरुरत के हिसाब से ही अरहर की खरीद कर रही है। आम का सीजन होने के कारण अरहर दाल खपत चालू महीने में कमजोर बनी रहने की उम्मीद है। हालांकि उत्पादक राज्यों कर्नाटक के साथ ही महाराष्ट्र में देसी अरहर की आवकों में काफी कमी आई है। महाराष्ट्र और कर्नाटक में अरहर का उत्पादन अनुमान ज्यादा था, साथ ही बर्मा से लेमन अरहर का आयात बराबर बना रहने की उम्मीद है। केंद्र सरकार लगातार अरहर की कीमतों की समीक्षा कर रही है।

दाल मिलों की खरीद कमजोर होने से चना के भाव घट गए। जानकारों के अनुसार चना की कीमतों में सीमित तेजी, मंदी बनी हुई है, हालांकि व्यापारी इसके भाव में ज्यादा मंदे में नहीं है। वैसे भी उत्पादक राज्यों की मंडियों में चना की आवक पहले की तुलना में कम हुई है। हालांकि स्टॉकिस्टों की पास चना का स्टॉक ज्यादा है, लेकिन केंद्रीय पूल में कम है। मानसूनी सीजन शुरू होने के कारण बेसन की खपत अगले से बढ़ेगी, इसलिए दाल मिलों की खरीद चना में बनी रहने की उम्मीद है। चालू रबी सीजन में व्यापारी चना का उत्पादन अनुमान कम मान रहे हैं। इसलिए आगे इसकी कीमतों में आगे सुधार बनने की उम्मीद है।

देसी मसूर के दाम दिल्ली में दूसरे दिन स्थिर बने रहे, साथ ही इस दौरान आयातित मसूर की कीमत भी स्थिर हो गई। जानकारों के अनुसार नीचे दाम पर स्टॉकिस्ट बिकवाली नहीं करना चाहते, हालांकि दाल मिलें भी जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रही हैं। इसलिए इसके भाव में सीमित तेजी, मंदी बनी रहने का अनुमान है। जानकारों के अनुसार प्रमुख उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की मंडियों में मसूर की आवक पहले की तुलना में कम हुई है तथा चालू सीजन में मसूर का घरेलू उत्पादन अनुमान कम है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में मसूर का उत्पादन 18.17 लाख टन होने का अनुमान है।

मूंग की कीमतों मे दिल्ल में तेजी का रुख रहा, जबकि अन्य मंडियों में इसके दाम स्थिर हो गए। व्यापारियों के अनुसार दाल मिलें मूंग की खरीद जरुरत के हिसाब से ही कर रही है क्योंकि समर सीजन में मूंग की आवक पहले की तुलना में बढ़ी है, तथा नई फसल का उत्पादन अनुमान ज्यादा है। मध्य प्रदेश की मंडियों से मूंग की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू नहीं होने से कीमतों पर दबाव है। अत: मूंग में तेजी मानकर व्यापार नहीं करना चाहिए। हालांकि उत्पादक राज्यों की मंडियों में खरीफ मूंग की आवक पहले की तुलना में कम हुई है, लेकिन माना जा रहा है कि उत्पादक राज्यों में बकाया स्टॉक ज्यादा है। साथ ही सरकार भी केंद्रीय पूल से लगातार मूंग की बिकवाली कर रही है।

उत्तर प्रदेश में 34,720 टन मूंग की न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर खरीद को मंजूरी दे दी है।

चेन्नई में उड़द एफएक्यू के दाम 6,600 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए, जबकि एसक्यू के भाव 25 रुपये घटकर 7,325 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

दिल्ली में उड़द एफएक्यू के दाम कमजोर होकर 6,850 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि एसक्यू के भाव 125 रुपये घटकर 7,650 से 7,700 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

मुंबई में उड़द एफएक्यू के भाव 6,700 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।

कोलकाता में उड़द एफएक्यू के भाव 6,750 से 6,800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।

गुंटूर में उड़द पॉलिश के भाव 7,050 से 7,100 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए, जबकि विजयवाड़ा में उड़द पॉलिश के दाम 50 रुपये घटकर 7,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

चेन्नई में लेमन अरहर के भाव शाम के सत्र में 25 रुपये तेज होकर 6,125 रुपये प्रति क्विंटल  हो गए।

दिल्ली में लेमन अरहर के भाव शाम के सत्र में 100 रुपये कमजोर होकर 6,550 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

मुंबई में लेमन अरहर के भाव शाम के सत्र में 25 रुपये बढ़कर 6,125 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

देसी अरहर के दाम कटनी, अकोला तथा कानपुर में कमजोर हुई जबकि अन्य अधिकांश उत्पादक मंडियों में लगभग स्थिर बने रहे।

मुंबई में अफ्रीकी देशों से आयातित अरहर के भाव स्थिर हो गए। सूडान से आयातित अरहर के भाव 6,200 से 6,250 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इस दौरान गजरी अरहर के भाव 5750 से 5800 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। मतवारा की अरहर के भाव 5,700 से 5,800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। सफेद अरहर के दाम 6,000 से 6,050 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।

दिल्ली में देसी मसूर के दाम 6,625 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।

मुंद्रा बंदरगाह पर मसूर के भाव 5,900 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। कांडला बंदरगाह पर मसूर के भाव 5,900 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। हजिरा बंदरगाह पर मसूर के भाव 6,000 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। कनाडा की मसूर के दाम कंटेनर में 6,150 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। पटना में देसी मसूर के भाव 6,500 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।

दिल्ली में राजस्थान के बेस्ट चना के दाम 25 रुपये कमजोर होकर 5,725 से 5,750 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान मध्य प्रदेश के चना का व्यापार 25 रुपये घटकर 5,675 से 5,700 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुआ।

इंदौर में बोल्ड मूंग के भाव 6,400 से 6,500 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। जयपुर में मूंग के बिल्टी भाव 6,200 से 6,700 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। जलगांव में चमकी मूंग के दाम 6,500 से 7,000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। दिल्ली में मूंग के दाम 50 रुपये तेज होकर 6,675 से 6,700 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

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