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13 जून 2025

विश्व बाजार में कॉटन के दाम कमजोर होने से घरेलू बाजार में कीमतों पर दबाव

नई दिल्ली। विश्व बाजार में कॉटन की कीमतों में गिरावट आने से घरेलू बाजार में भी इसकी कीमतों पर दबाव बना हुआ है। स्पिनिंग मिलों की मांग कमजोर बनी रहने के कारण बुधवार को गुजरात के साथ ही उत्तर भारत में कॉटन की कीमतों में नरमी आई।


गुजरात के अहमदाबाद में 29 शंकर-6 किस्म की कॉटन के भाव बुधवार को 50 रुपये कमजोर होकर 53,700 से 54,000 रुपये प्रति कैंडी, एक कैंडी-356 किलो रह गए।

पंजाब में रुई हाजिर डिलीवरी के भाव नरम होकर 5,700 से 5,710 रुपये प्रति मन बोले गए।हरियाणा में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव कमजोर होकर 5,510 से 5,570 रुपये प्रति मन बोले गए। ऊपरी राजस्थान में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के दाम 5,690 से 5,760 रुपये प्रति मन बोले गए। लोअर राजस्थान में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के 54,700 से 54,800 रुपये कैंड़ी बोले गए। देशभर की मंडियों में कपास की आवक 16,500 गांठ, एक गांठ-170 किलो की हुई।

आईसीई कॉटन वायदा के भाव में मंगलवार को गिरावट का रुख रहा था। जुलाई-25 वायदा अनुबंध में इसके दाम 0.57 सेंट कमजोर होकर भाव 65.42 सेंट रह गए थे। दिसंबर-25 वायदा अनुबंध में इसके दाम 0.64 सेंट कमजोर होकर 67.71 सेंट रह गए। मार्च-26 वायदा अनुबंध में इसके दाम 0.66 सेंट कमजोर होकर भाव 69.06 सेंट रह गए।

स्पिनिंग मिलों की मांग कमजोर के कारण गुजरात के साथ ही उत्तर भारत के राज्यों में कॉटन की कीमतों में नरमी आई है। व्यापारी कॉटन के भाव में बड़ी तेजी के पक्ष में नहीं है। विश्व बाजार में पिछले सप्ताह कॉटन की कीमतों में मंदा आया था, जिस कारण स्पिनिंग मिल जरुरत के हिसाब से ही कॉटन की खरीद कर रही है। व्यापारियों के अनुसार चालू सीजन में कपास के उत्पादन में कमी आई थी, लेकिन एक तो घरेलू बाजार से कॉटन के निर्यात में कमी आई है, वहीं दूसरी तरफ चालू सीजन में अभी तक आयात ज्यादा मात्रा में हुआ है। घरेलू बाजार में सीसीआई के पास कॉटन का बंपर स्टॉक मौजूद है। इसलिए घरेलू बाजार में कॉटन की कीमतों में तेजी, मंदी काफी हद तक सीसीआई के बिक्री भाव पर भी निर्भर करेगी।

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