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13 जून 2025

मई में खाद्वय एवं अखाद्य तेलों का आयात 22 फीसदी घटा - एसईए

नई दिल्ली। चालू तेल वर्ष 2024-25 के मई 2025 में खाद्वय एवं अखाद्य तेलों का आयात 22 फीसदी घटकर 1,187,068 टन का ही हुआ है, जबकि पिछले साल मई में इनका आयात 1,529,804 टन का हुआ था। इस दौरान खाद्वय तेलों का आयात 1,175,028 टन का एवं अखाद्य तेलों का आयात 12,040 टन का हुआ है। सोया तेल के आयात में लगातार वृद्धि हुई है, जबकि आरबीडी पामोलीन के आयात में कमी दर्ज की गई।


सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार चालू तेल वर्ष के पहले सात महीनों नवंबर-24 से मई-25 के दौरान देश में खाद्वय एवं अखाद्य तेलों का आयात 9 फीसदी कम होकर 7,884,768 टन का ही हुआ है, जबकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में इनका आयात 8,678,447 टन का हुआ था। हालांकि खाद्य तेलों के आयात के आंकड़ों में नेपाल से आयात हुई मात्रा शामिल नहीं है।

केंद्र सरकार ने 30 मई 2025 को क्रूड खाद्य तेलों जैसे पाम, सोया और सूरजमुखी के आयात शुल्क को 20 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया था, जिस कारण कुल आयात शुल्क 27.5 फीसदी से घटकर 16.5 फीसदी रह गया। यह कदम उद्योग, उपभोक्ता और आत्मनिर्भर भारत के व्यापक दृष्टिकोण के मोर्चे पर एक जीत है। क्रूड और रिफाइंड तेलों के बीच 19.25 फीसदी का बढ़ा हुआ शुल्क घरेलू रिफाइनिंग को फिर से मजबूत करेगा, साथ ही सस्ते आयात पर निर्भरता कम करेगा।

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया केंद्र सरकार के इस निर्णय की सराहना करता है। यह रिफाइंड पाम तेल के आयात में कमरेगा और मांग को वापस क्रूड पाम तेल की ओर ले जाएगा, जिससे घरेलू रिफाइनिंग क्षेत्र को फिर से सहारा मिलेगा। इस कदम से खाद्य तेल के आयात की कुल मात्रा पर कोई असर नहीं पड़ेगा और इससे खाद्य तेल की कीमतों पर कोई दबाव पड़ने की संभावना नहीं है। इसके विपरीत, क्रूड तेल पर शुल्क में कटौती से घरेलू कीमतों में कमी आएगी, जिसका लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा।

चालू तेल वर्ष 2024-25 की पहले सात महीनों नवंबर 24 से मई 25 के दौरान 1,236,581 टन की तुलना में 819,171 टन रिफाइंड तेल (आरबीडी पामोलीन) का आयात किया गया। नवंबर 23 से मई 24 के दौरान 7,331,103 टन की तुलना में 6,858,092 टन क्रूड तेल का आयात किया गया। आरबीडी पामोलीन और सीपीओ के कम आयात के कारण रिफाइंड तेल का अनुपात 14 फीसदी से घटकर 11 फीसदी रह गया, जबकि सोया तेल के आयात में वृद्धि के कारण क्रूड पाम तेल का अनुपात 86 फीसदी से बढ़कर 89 फीसदी हो गया।

एसईए के अनुसार नवंबर 2024 से मई 2025 के दौरान पाम तेल का आयात नवंबर 2023 से मई 2024 के 4,977,233 टन की तुलना में कम होकर 3,329,890 टन का रह गया, जबकि सॉफ्ट तेलों का आयात पिछले साल की समान अवधि के 3,590,452 टन से बढ़कर 4,347,373 टन का हो गया। अत: पाम तेल की हिस्सेदारी 58 फीसदी से घटकर 43 फीसदी की रह गई, जबकि सॉफ्ट तेल की हिस्सेदारी 42 फीसदी से बढ़कर 57 फीसदी की हो गई।

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