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28 जून 2025

सीसीआई ने कॉटन की बिक्री कीमतों में बढ़ोतरी की, जिनर्स के पास स्टॉक नहीं के बराबर

नई दिल्ली। घरेलू बाजार में जिनिंग मिलों के पास कॉटन का बकाया स्टॉक नहीं के बराबर बचा होने के कारण कॉटन कारपोरेशन ऑफ इंडिया, सीसीआई ने कॉटन की बिक्री कीमतों में बुधवार को 100 रुपये प्रति कैंडी, एक कैंडी 356 किलो की बढ़ोतरी की।


सूत्रों के अनुसार स्पिनिंग मिलों की खरीद सीसीआई से बढ़ गई है, क्योंकि जिनर्स के पास हल्की क्वालिटी के माल ही ज्यादा बचे हुए हैं। निगम ने 24 जून को घरेलू व्यापारियों को 1,26,200 गांठ, एक गांठ 170 किलो कॉटन की बिक्री की थी।

सीसीआई ने बुधवार को फसल सीजन 2023-24 के साथ ही 2024-25 के दौरान खरीदी हुई कपास की बिक्री कीमतों के फ्लोर प्राइस में 100 रुपये प्रति कैंडी की बढ़ोतरी की है। इस बढ़ोतरी के बाद फसल सीजन 2024-25 की खरीदी हुई कॉटन का सबसे ऊंचा फ्लोर प्राइस 55,800 रुपये प्रति कैंडी हो गया है।

व्यापारियों के अनुसार निगम द्वारा बेची जा रही कपास की गुणवत्ता, जिनिंग मीलों से बेहतर है। वैसे भी जिनिंग मिल के पास कॉटन का बकाया नहीं के बराबर है। ऐसे में नई फसल तक स्पिनिंग मिलों को कॉटन की ज्यादातर खरीद सीसीआई से ही करनी होगी। अत: आगामी दिनों में इसकी कीमतों में तेजी, मंदी काफी हद तक सीसीआई के बिक्री दाम पर भी निर्भर करेगी।

स्पिनिंग मिलों की मांग बनी रहने के कारण बुधवार को शाम के सत्र में गुजरात में कॉटन की कीमत तेज हुई, जबकि इस दौरान उत्तर भारत के राज्यों में इसके दाम स्थिर हो गए।

गुजरात के अहमदाबाद में 29 शंकर-6 किस्म की कॉटन के भाव बुधवार को दूसरे दिन 50 रुपये तेज होकर दाम 54,000 से 54,200 रुपये प्रति कैंडी, एक कैंडी-356 किलो हो गए।

पंजाब में रुई हाजिर डिलीवरी के भाव 5,740 से 5,750 रुपये प्रति मन बोले गए। हरियाणा में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव 5,530 से 5,610 रुपये प्रति मन बोले गए। ऊपरी राजस्थान में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के दाम 5,680 से 5,800 रुपये प्रति मन बोले गए।लोअर राजस्थान में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के 54,800 से 55,000 रुपये कैंडी बोले गए।

देशभर की मंडियों में कपास की आवक 10,550 गांठ, एक गांठ-170 किलो की हुई।

आईसीई के इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग में कॉटन की कीमतों में शाम के सत्र में मिलाजुला रुख रहा।

स्पिनिंग मिलों की मांग बनी रहने के कारण गुजरात में कॉटन की कीमत 50 रुपये प्रति कैंडी तेज हुई, लेकिन इस दौरान उत्तर भारत के राज्यों में भाव स्थिर हो गए। व्यापारियों के अनुसार स्पिनिंग मिल जरुरत के हिसाब से ही कॉटन की खरीद कर रही है, क्योंकि विश्व बाजार में इसके दाम घरेलू बाजार के मुकाबले नीचे बने हुए हैं। चालू सीजन में कॉटन के आयात में भारी बढ़ोतरी का अनुमान है साथ ही घरेलू बाजार में सीसीआई के पास कॉटन का बंपर स्टॉक मौजूद है। इसलिए घरेलू बाजार में कॉटन की कीमतों में तेजी, मंदी काफी हद तक सीसीआई के बिक्री भाव पर भी निर्भर करेगी।

कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार कपास का उत्पादन 306.92 लाख गांठ (एक गांठ 170 किलोग्राम) होने का अनुमान है, जो क‍ि इसके पिछले फसल सीजन 2023-24 के 325.22 लाख गांठ के मुकाबले कम है।

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