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07 जून 2025

आगामी पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन 350 लाख टन होने का अनुमान - उद्योग

नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2025 से शुरू होने वाले चालू पेराई सीजन 2025-26 (अक्टूबर से सितंबर) के दौरान देश में चीनी का उत्पादन बढ़कर 350 लाख टन होने का अनुमान है। राष्ट्रीय सहकारी चीनी कारखाना महासंघ (एनएफसीएसएफ) के अनुसार चालू पेराई सीजन में देश में चीनी का उत्पादन निराशाजनक रहा है, लेकिन अनुमान है कि अगला सीजन चीनी उत्पादन वृद्धि के लिहाज से अच्छा रहेगा।


एनएफसीएसएफ के अनुसार देश में गन्ना उत्पादन में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक का सबसे महत्वपूर्ण योगदान है। देश का चीनी उत्पादन इन राज्यों के उत्पादन पर ही ज्यादा निर्भर करता है। पिछले साल पानी की कमी के कारण इन राज्यों में गन्ने की खेती कम हुई थी। साथ ही सीजन की शुरुआत में महाराष्ट्र और कर्नाटक में भारी बारिश के कारण जलभराव हुआ था, जिससे गन्ना उत्पादन को बड़ा नुकसान हुआ था। गन्ने की खेती में कमी आने के कारण चीनी के उत्पादन में बड़ी गिरावट की उम्मीद थी, लेकिन वापसी की बारिश ने फसल को फायदा किया। अत: चीनी के उत्पादन में लगभग बीस फीसदी की ही कमी आई।

चालू पेराई सीजन में चीनी के उत्पादन में गिरावट के बावजूद अगले सीजन के लिए बकाया स्टॉक 48.65 लाख टन बचने की संभावना है तथा यह स्टॉक अक्टूबर और नवंबर 2025 के महीनों में घरेलू खपत की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। उद्योग ने भरोसा जताया है कि, अगले पेराई सीजन की शुरुआत तक देश में चीनी की कमी नहीं होगी और यह स्टॉक अक्टूबर और नवंबर के दो महीनों के लिए पर्याप्त हो सकता है।

चीनी की एक्स मिल कीमत 3,880 से 3,920 प्रति क्विंटल के बीच स्थिर बनी हुई हैं। दिल्ली में एम 30 चीनी के थोक दाम, जीएसटी सहित 4,350 रुपये, कानपुर में 4,340 रुपये और मुंबई में 4,180 रुपये तथा कोलकाता में 4,360 रुपये प्रति क्विंटल हैं।

आगामी पेराई सीजन में गन्ना उत्पादक राज्यों में गन्ने की खेती में बढ़ोतरी से चीनी उत्पादन में बढ़ोतरी की संभावना है। चीनी उद्योग द्वारा 2022-23 में 43 लाख टन चीनी की खपत इथेनॉल उत्पादन में की गई थी, जिससे 369 करोड़ लीटर इथेनॉल का उत्पादन किया गया। इसी तरह से 2023-24 में चीनी के कच्चे माल से बने इथेनॉल की आपूर्ति 270 करोड़ लीटर थी। यह गिरावट 2024-25 में भी जारी रही। इस साल इथेनॉल की आपूर्ति 250 करोड़ लीटर रहने का अनुमान है।

एनएफसीएसएफ के अनुसार मानसून की अनुकूल स्थिति और महाराष्ट्र तथा कर्नाटक जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में गन्ने की खेती बढ़ने के बाद चीनी के उत्पादन की उम्मीद बढ़ी हैं। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने साल की शुरुआत में ही गन्ने के लिए बढ़ी हुई एफआरपी की घोषणा कर दी है, जिससे किसानों का गन्ने की खेती की ओर झुकाव बढ़ा है। ऐसे में आगामी पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है।

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