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03 जून 2025

आयात पड़ते सस्ते होने से उड़द एवं अरहर के साथ चना तथा देसी मसूर में गिरावट

नई दिल्ली। आयात पड़ते सस्ते होने के साथ ही दाल मिलों की खरीद कमजोर होने के कारण घरेलू बाजार में सोमवार को लगातार दूसरे कार्यदिवस में अरहर एवं उड़द के साथ ही देसी मसूर तथा चना और मूंग की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई।


जानकारों के अनुसार आम का सीजन शुरू होने के कारण दालों की मांग प्रभावित हुई है।

बर्मा से आयातित उड़द एफएक्यू एवं एसक्यू के भाव में चेन्नई में स्थिर से कमजोर हो गए। उड़द एफएक्यू के भाव जून शिपमेंट के 15 डॉलर कमजोर होकर 760 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ रह गए, जबकि इस दौरान एसक्यू उड़द के भाव 5 डॉलर कमजोर होकर 830 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ बोले गए। लेमन अरहर के भाव चेन्नई में जून शिपमेंट के 20 डॉलर घटकर 715 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ रह गए।

चेन्नई में उड़द एसक्यू और एफएक्यू के दाम कमजोर हुए हैं। हालांकि बर्मा में इनकी कीमत स्थिर हो गई। हालांकि घरेलू बाजार में दाल मिलों की खरीद कमजोर होने से उड़द के भाव लगातार दूसरे कार्यदिवस में कमजोर हुए हैं। व्यापारियों के अनुसार दाल मिलें उड़द की खरीद जरूरत के हिसाब से कर रही है क्योंकि बर्मा के साथ ही ब्राजील में नई उड़द का उत्पादन अनुमान ज्यादा है। म्यांमार के निर्यातकों की बिकवाली बराबर बनी हुई है। जबलपुर लाइन से देसी उड़द की आवक पहले की तुलना में बढ़ी है। हालांकि खपत का सीजन होने के कारण उड़द दाल में मांग भी बनी रहने की उम्मीद है साथ ही दक्षिण भारत की दाल मिलों की खरीद भी उड़द में अभी बनी रहेगी। जानकारों के अनुसार जबलपुर और गुजरात की गर्मियों की फसल आने लगी है, इसलिए कीमतों पर दबाव देखा जा रहा है। ऐसे में उड़द की कीमतों में तेजी मानकर व्यापार नहीं करना चाहिए।

जबलपुर मंडी हल्की क्वालिटी की उड़द लूज में 6300 से 6500 रुपये और बेस्ट क्वालिटी की 6550 से 6750 प्रति क्विंटल की दर से बिकी।

चेन्नई में लेमन अरहर के भाव लगातार दूसरे कार्यदिवस में कमजरेी हो गए जबकि इस दौरान बर्मा में भी इसकी कीमत स्थिर बनी रही। हालांकि घरेलू बाजार में दाल मिलों की मांग कमजोर बनी रहने से अरहर की कीमतों में लगातार पांचवें दिन गिरावट दर्ज की गई। व्यापारियों के अनुसार अरहर में दाल मिलें जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रही है, इसलिए इसकी कीमतों पर दबाव है। हालांकि खपत का सीजन होने के कारण अरहर दाल की मांग बनी रहने की उम्मीद है। उत्पादक राज्यों कर्नाटक के साथ ही महाराष्ट्र में देसी अरहर की आवकों में काफी कमी आई है। महाराष्ट्र और कर्नाटक में अरहर का उत्पादन अनुमान ज्यादा था, साथ ही बर्मा से लेमन अरहर का आयात बराबर बना रहने की उम्मीद है। केंद्र सरकार लगातार अरहर की कीमतों की समीक्षा कर रही है। ऐसे में अरहर के भाव में हल्की नरमी और भी बन सकती है।

चना के दाम दिल्ली में लगातार दूसरे कार्यदिवस में कमजोर हुए हैं। व्यापारियों के अनुसार चना में दाल मिलें जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रही है, इसलिए इसकी कीमतों पर दबाव बना हुआ है। हालांकि उत्पादक राज्यों की मंडियों में चना की आवक पहले की तुलना में कम जरूर हुई है, लेकिन स्टॉकिस्टों की पास स्टॉक ज्यादा है। मानसूनी सीजन शुरू हो गया है, इसलिए आगामी दिनों में बेसन की खपत बढ़ेगी। ऐसे में आगामी दिनों में दाल मिलों की खरीद चना में बढ़ेगी। वैसे भी केंद्रीय पूल में चना का स्टॉक कम है। चालू रबी सीजन में व्यापारी चना का उत्पादन अनुमान कम मान रहे हैं। इसलिए चना की कीमतों में चल रही गिरावट रुकने की उम्मीद है।

देसी मसूर के दाम लगातार चौथे कार्यदिवस में 25 रुपये कमजोर हुए हैं। इस दौरान आयातित मसूर के भाव बंदरगाह पर स्थिर हो गए। जानकारों के अनुसार दाल मिलों की खरीद मसूर में सीमित मात्रा में बनी हुई है, लेकिन नीचे दाम पर स्टॉकिस्टों की बिकवाली भी कम आ रही है, इसलिए इसके भाव रुक सकते हैं। वैसे भी प्रमुख उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की मंडियों में मसूर की आवक पहले की तुलना में कम हुई है तथा चालू सीजन में मसूर का घरेलू उत्पादन अनुमान कम है। हालांकि कनाडा में फसल सीजन 2025-26 में मसूर का उत्पादन ज्यादा होने का अनुमान है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में मसूर का उत्पादन 18.17 लाख टन होने का अनुमान है। ऐसे में मसूर की कीमतों में सीमित तेजी, मंदी बनी रह सकती है।

मूंग की कीमत इंदौर में कमजोर हुई, जबकि अन्य मंडियों में इसके दाम स्थिर हो गए।। व्यापारियों के अनुसार दाल मिलें मूंग की खरीद जरुरत के हिसाब से ही कर रही है क्योंकि समर सीजन में मूंग की बुआई बढ़ी है, तथा मौसम अनुकूल रहा तो अगले महीने समर मूंग की नई फसल की आवक बनेगी। इसलिए मूंग में तेजी मानकर व्यापार नहीं करना चाहिए। हालांकि राज्यों की मंडियों में मूंग की आवक पहले की तुलना में कम हुई है, लेकिन माना जा रहा है कि उत्पादक राज्यों में बकाया स्टॉक ज्यादा है। साथ ही सरकार भी केंद्रीय पूल से लगातार मूंग की बिकवाली कर रही है।

जबलपुर मंडी में बेस्ट क्वालिटी की मूंग 7,000 से 7,300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिकी।

चेन्नई में उड़द एफएक्यू के दाम 75 रुपये नरम होकर 6,650 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि एसक्यू के भाव 25 रुपये घटकर 7,400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

दिल्ली में उड़द एफएक्यू के दाम 75 रुपये कमजोर होकर 7,000 से 7,025 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि एसक्यू के भाव 50 रुपये कमजोर होकर 7,750 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

मुंबई में उड़द एफएक्यू के भाव कमजोर होकर 6,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

कोलकाता में उड़द एफएक्यू के भाव 6,850 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।

गुंटूर में उड़द पॉलिश के भाव 75 रुपये कमजोर होकर दाम 7,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि विजयवाड़ा में उड़द पॉलिश के दाम 50 रुपये कमजोर होकर 7,225 से 7,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

चेन्नई में लेमन अरहर के भाव शाम के सत्र में कमजोर होकर 6,225 से 6,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

दिल्ली में लेमन अरहर के भाव शाम के सत्र में 100 रुपये घटकर 6,625 से 6,650 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

मुंबई में लेमन अरहर के भाव शाम के सत्र में 50 रुपये कमजोर होकर 6,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

देसी अरहर के दाम कटनी एवं दुधानी, तथा इंदौर और अकोला तथा अमरावती में कमजोर हुए, जबकि अन्य अधिकांश उत्पादक मंडियों में लगभग स्थिर बने रहे।

मुंबई में अफ्रीकी देशों से आयातित अरहर के भाव कमजोर हुए। सूडान से आयातित अरहर के भाव घटकर 6,200 से 6,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान गजरी अरहर के भाव 100 रुपये कमजोर होकर 5700 से 5750 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। मतवारा की अरहर के भाव 50 रुपये घटकर 5,700 से 5,750 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। सफेद अरहर के दाम 6,050 से 6,100 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।

दिल्ली में देसी मसूर के दाम 25 रुपये कमजोर होकर 6,575 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

मुंद्रा बंदरगाह पर मसूर के भाव 5,950 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। कांडला बंदरगाह पर मसूर के भाव 5,900 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। हजिरा बंदरगाह पर मसूर के भाव 6,000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। कनाडा की मसूर के दाम कंटेनर में 6,150 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। पटना में देसी मसूर के भाव 6,500 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।

दिल्ली में राजस्थान के बेस्ट चना के दाम 75 रुपये कमजोर होकर 5,675 से 5,700 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान मध्य प्रदेश के चना का व्यापार 100 रुपये घटकर 5,600 से 5,625 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुआ।

इंदौर में बोल्ड मूंग के भाव 300 रुपये कमजोर होकर 6800 से 7,100 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। जयपुर में मूंग के बिल्टी भाव 6,700 से 7,600 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। जलगांव में चमकी मूंग के दाम 50 रुपये घटकर 7,600 से 8,050 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। अकोला में चमकी मूंग के दाम 7,800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।

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