नई दिल्ली। मई में कैस्टर तेल का निर्यात 23.17 फीसदी घटकर 68,982 टन का ही हुआ है, जबकि पिछले साल मई में इसका निर्यात 89,786 टन हुआ था।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, एसईए के अनुसार चालू वर्ष 2025 के पहले पांच महीनों जनवरी से मई के दौरान कैस्टर तेल का निर्यात 308,699 टन का ही हुआ है जबकि इसके पिछले वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 346,624 टन का हुआ था।
एसईए के अनुसार मूल्य के हिसाब से वर्ष 2025 के पहले पांच महीनों में कैस्टर तेल का निर्यात 4,075.78 करोड़ रुपये का ही हुआ है, जबकि पिछले वर्ष 2024 के जनवरी से मई के दौरान इसका निर्यात 4,213.27 करोड़ रुपये का हुआ था। चालू वर्ष 2025 के मई में डीओसी का निर्यात मूल्य के हिसाब से 882.46 करोड़ रुपये का ही हुआ है, जबकि पिछले साल मई में इसका निर्यात 1,066.24 करोड़ रुपये का हुआ था।
व्यापारियों के अनुसार चालू सीजन में बुआई में आई कमी से कैस्टर सीड का उत्पादन कम होने का अनुमान है। उत्पादक मंडियों में कैस्टर सीड की दैनिक आवक पहले की तुलना में कम हुई है।
गुजरात में कैस्टर सीड के भाव शनिवार को 5 रुपये तेज होकर दाम 1,280 से 1,320 रुपये प्रति 20 किलो हो गए, तथा दैनिक आवक 60,000 बोरी, एक बोरी 35 किलो की हुई।
कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2024-25 के दौरान कैस्टर सीड का उत्पादन 17.30 लाख टन ही होने का अनुमान है, जोकि इसके पिछले फसल सीजन के दौरान उत्पादन 19.59 लाख टन का हुआ था।
कृषि मंत्रालय के अनुसार खरीफ सीजन में कैस्टर सीड की बुआई 12 फीसदी घटकर केवल 8.67 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी।

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