नई दिल्ली। कॉटन कारपोरेशन ऑफ इंडिया, सीसीआई से घरेलू स्पिनिंग मिलों की खरीद बढ़ने से निगम शुक्रवार को इसकी बिक्री कीमतों में 100 रुपये प्रति कैंडी, एक कैंडी 356 किलो की बढ़ोतरी की। मालूम हो कि सीसीआई ने 25 जून को भी कॉटन की बिक्री कीमतों में 100 रुपये प्रति कैंडी की बढ़ोतरी की थी।
घरेलू बाजार में जिनिंग मिलों के पास कॉटन का बकाया स्टॉक नहीं के बराबर बचा हुआ है, जिस कारण स्पिनिंग मिलों के साथ ही व्यापारियों ने सीसीआई से खरीद बढ़ा दी है। निगम ने 26 जून को फसल सीजन 2024-25 की खरीदी हुई 2,60,600 गांठ कॉटन की बिक्री की है। इससे पहले 24 जून को भी निगम ने घरेलू बाजार में 1,26,200 गांठ कॉटन की बिक्री की थी।
व्यापारियों के अनुसार प्राइवेट बाजार की तुलना में सीसीआई द्वारा बेची जा रही कपास की गुणवत्ता अच्छी है। साथ ही जिनिंग मिल के पास कॉटन का बकाया नहीं के बराबर है। ऐसे में नई फसल तक स्पिनिंग मिलों को कॉटन की ज्यादातर खरीद सीसीआई से ही करनी होगी। अत: आगामी दिनों में इसकी कीमतों में तेजी, मंदी काफी हद तक सीसीआई के बिक्री दाम पर भी निर्भर करेगी।
स्पिनिंग मिलों की मांग बनी रहने के कारण शुक्रवार को शाम के सत्र में गुजरात में कॉटन की कीमत तेज हुई। गुजरात के अहमदाबाद में 29 शंकर-6 किस्म की कॉटन के भाव शुक्रवार को चौथे दिन 50 रुपये तेज होकर दाम 54,200 से 54,400 रुपये प्रति कैंडी, एक कैंडी-356 किलो हो गए।
देशभर की मंडियों में कपास की आवक 8,500 गांठ, एक गांठ-170 किलो की हुई।
आईसीई के इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग में कॉटन की कीमतों में शाम के सत्र में तेजी का रुख रहा।
स्पिनिंग मिलों की मांग बनी रहने के कारण गुजरात में कॉटन की कीमत 50 रुपये प्रति कैंडी तेज हुई। व्यापारियों के अनुसार चालू सप्ताह में सीसीआई ने कॉटन के बिक्री कीमतों में लगातार दूसरी बार बढ़ोतरी की है। उधर जिनर्स के पास कॉटन का बकाया स्टॉक कम है। अत: मिलों को कॉटन की ज्यादा खरीद सीसीआई से करनी पड़ रही है। घरेलू बाजार सीसीआई के पास कॉटन का स्टॉक ज्यादा है।
