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03 जनवरी 2025

चालू पेराई सीजन में दिसंबर अंत तक चीनी का उत्पादन 15.58 फीसदी कम - इस्मा

नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2024 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन (अक्टूबर-24 से सितंबर-25) के पहले तीन महीनों पहली अक्टूबर एवं 31 दिसंबर के दौरान चीनी के उत्पादन में 15.58 फीसदी की गिरावट आकर कुल उत्पादन 95.40 लाख टन का ही हुआ है, जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में इसका उत्पादन 113.01 लाख टन का हो चुका था।


इंडियन शुगर एंड बायो-एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में 493 मिलों में ही पेराई चल रही है, जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में 512 मिलों में पेराई चल रही थी। प्रमुख उत्पादक राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में पेराई दर पिछले साल की तुलना में बेहतर बताई जा रही है। हालांकि, बारिश के कारण गन्ने की आपूर्ति में अस्थायी व्यवधान के कारण दिसंबर 2024 के अंतिम सप्ताह के दौरान उत्तर प्रदेश में पेराई जरूर प्रभावित हुई थी।

इस्मा के अनुसार चालू पेराई सीजन के पहले तीन महीनों के दौरान महाराष्ट्र में चीन का उत्पादन 21.5 फीसदी घटकर 30 लाख टन का ही हुआ है। इस दौरान कर्नाटक में चीनी के उत्पादन में 18.1 फीसदी की गिरावट आकर कुल उत्पादन 20 लाख टन का ही हुआ है। उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन में चीनी के पहले तीन महीनों में 4.5 फीसदी की गिरावट आकर कुल उत्पादन 32.8 लाख टन का हुआ है। मालूम हो कि ये तीन राज्य का देश के चीनी के कुल उत्पादन में 80 फीसदी से अधिक योगदान है।

महाराष्ट्र और कर्नाटक में पिछले साल सूखे से गन्ने के उत्पादन में गिरावट के साथ ही उत्तर प्रदेश में लाल सड़न रोग के फैलने से उत्पादन में कमी आने की आशंका है।

इस्मा के अनुसार पेराई सीजन 2024-25 के दौरान चीनी की खपत पिछले सीजन की तुलना में कम रहने की आशंका है। चीनी की कुल घरेलू खपत चालू पेराई सीजन में लगभग 280 लाख टन होने का अनुमान है।

इस्मा के अनुसार शुद्ध चीनी उत्पादन में अंतर सामूहिक रूप से इस साल एथेनॉल में अधिक चीनी के उपयोग (23-24 में 21.5 लाख टन के मुकाबले 40 लाख टन अनुमानित) है। जनवरी 2025 के अंत में चीनी उत्पादन के अपने दूसरे अग्रिम अनुमान को इस्मा जारी करेगा।

चालू खरीफ सीजन में धान की सरकारी खरीद 476.48 लाख टन के पार

नई दिल्ली। चालू खरीफ विपणन सीजन 2024-25 में धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर खरीद बढ़कर 476.48 लाख टन की हो गई है। अभी तक हुई कुल खरीद में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी पंजाब एवं छत्तीसगढ़ के बाद हरियाणा की है।


सेंट्रल फूड ग्रेन प्रोक्योरमेंट पोर्टल के अनुसार पंजाब की मंडियों में 2 जनवरी तक कुल 173.55 लाख टन धान की खरीद एजेंसियों और एफसीआई ने की है। इस दौरान छत्तीसगढ़ की मंडियों से 88,99,842 टन धान समर्थन मूल्य पर खरीदा गया है। हरियाणा की मंडियों से 53.93 लाख टन धान की खरीद हुई है।

अन्य राज्यों में तेलंगाना से 42,61,576 टन के अलावा उत्तराखंड से 5,94,425 टन तथा उत्तर प्रदेश से 37,63,476 टन धान की खरीद समर्थन मूल्य पर हुई है। केरल से 1,31,475 टन, हिमाचल से 36,903 टन, जम्मू कश्मीर से 32,679 टन, बिहार से 10,59,222 टन तथा आंध्र प्रदेश से 25,37,789 टन धान की एमएसपी पर खरीद हो चुकी है।

चालू खरीफ सीजन में गुजरात से 33,667 टन एवं असम से 77,418 टन के अलावा चंडीगढ़ से 25,796 टन तथा महाराष्ट्र से 2,42,858 टन तथा ओडिशा से 12,36,958 टन के अलावा त्रिपुरा से 6,049 टन और पश्चिमी बंगाल से 16,240 टन धान की सरकारी खरीद हुई है।

केंद्र सरकार के अनुसार खरीफ विपणन सीजन 2024-25 के दौरान पंजाब से करीब 185 लाख टन और हरियाणा से 60 लाख टन धान की खरीद की खरीद का लक्ष्य तय किया गया था। अत: इन राज्यों में खरीद तय लक्ष्य से कम हुई है।

केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के अनुसार खरीफ विपणन सीजन 2024-25 के लिए धान की खरीद 1 अक्टूबर 2024 से शुरू करने का निर्णय लिया था, लेकिन नमी ज्यादा होने के कारण खरीद में तेजी मध्य अक्टूबर के बाद आई थी।

केंद्र सरकार ने चालू खरीफ विपणन सीजन 2024-25 के लिए कॉमन धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य,एमएसपी 2,300 रुपये और ग्रेड-ए धान का समर्थन मूल्य 2,320 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।

राजस्थान में रबी फसलों की बुआई 92 फीसदी पूरी, गेहूं एवं दलहन की बढ़ी

नई दिल्ली। राजस्थान में चालू रबी सीजन में फसलों की बुआई 92 फीसदी क्षेत्रफल में हो चुकी है तथा गेहूं के साथ ही दालों की बुआई में बढ़ोतरी हुई है जबकि इस दौरान तिलहन की फसलों की बुआई पिछले साल की तुलना में घटी है।

राज्य के कृषि निदेशालय के अनुसार 27 दिसंबर तक राज्य में फसलों की बुआई बढ़कर 110.53 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस समय तक इनकी बुआई केवल 107.89 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी।

गेहूं की बुआई चालू रबी सीजन में बढ़कर 31.13 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 28.39 लाख हेक्टेयर में ही बुआई हुई थी। जौ की बुआई चालू रबी में राज्य में 4.26 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 4.54 लाख हेक्टेयर की तुलना में कम है।

रबी दलहन की प्रमुख फसल चना की बुआई चालू रबी में बढ़कर 20.53 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 19.30 लाख हेक्टेयर में ही बुआई हुई थी। चना की बुआई का लक्ष्य राज्य सरकार ने 22.50 लाख हेक्टेयर का तय किया है। रबी दलहन की अन्य फसलों की बुआई राज्य में 43 हजार हेक्टेयर में ही हुई है। ऐसे में चालू रबी में दलहन की कुल बुआई अभी तक बढ़कर 20.96 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 19.73 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है।

राज्य में सरसों की बुआई चालू रबी सीजन में 33.42 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 36.29 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी। राज्य में सरसों की बुआई का लक्ष्य 40.50 लाख हेक्टेयर का तय किया गया है। अन्य तिलहनी फसलों में तारामीरा की बुवाई 86 हजार हेक्टेयर में और अलसी की करीब 12 हजार हेक्टेयर में ही हुई है। अत: तिलहनी फसलों की कुल बुआई चालू रबी में घटकर 34.42 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 37.82 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी।

रबी फसलों की बुआई 640 लाख हेक्टेयर के पार, गेहूं के साथ दलहन की बढ़ी

नई दिल्ली। चालू रबी सीजन में फसलों की बुआई 640 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है। इस दौरान गेहूं के साथ ही दलहन की बुआई में बढ़ोतरी हुई है, जबकि सरसों की बुआई पिछले साल की तुलना में घटी है।


कृषि मंत्रालय के अनुसार गेहूं की बुआई बढ़कर चालू रबी सीजन में 319.74 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 313 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी।

इसी तरह से दलहनी फसलों की बुआई बढ़कर 136.13 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल समय तक केवल 136.05 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी।

धान की रोपाई चालू रबी में बढ़कर 14.37 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 13.61 लाख हेक्टेयर की तुलना में बढ़ी है।

चना की बुआई चालू रबी में 93.98 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 93.17 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी।

मसूर की बुआई चालू रबी में घटकर 17.43 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 17.76 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी।

उड़द की बुआई चालू रबी में 4.22 लाख हेक्टेयर में और मूंग की 0.86 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस समय तक इनकी बुआई क्रमश: 4.79 लाख एवं 0.87 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी।

मंत्रालय के अनुसार तिलहनी फसलों की बुआई घटकर 96.15 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 101.37 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी।

रबी तिलहन की प्रमुख फसल सरसों की बुआई घटकर 88.50 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी बुआई 93.73 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी।

नेफेड ने चालू खरीफ में समर्थन मूल्य पर 10,55,218 टन सोयाबीन एवं मूंगफली खरीदी

नई दिल्ली। चालू खरीफ सीजन 2024 में नेफेड न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर उत्पादक राज्यों से 10,55,218 टन सोयाबीन एवं मूंगफली की खरीद कर चुकी है, जबकि केंद्र सरकार ने पीएसएस स्कीम के तहत 54,77,905 टन खरीफ में तिलहन की फसलों की खरीद को मंजूरी दी हुई है।


सूत्रों के अनुसार खरीफ तिलहन की प्रमुख फसल सोयाबीन की किसानों से समर्थन मूल्य 4,892 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 33,60,628 टन की खरीद को मंजूरी दी हुई है, जिसमें से निगम ने 23 दिसंबर तक केवल 6,69,177 टन सोयाबीन की खरीद की है। सोयाबीन की खरीद कर्नाटक से 11,659 टन, तेलंगाना से 67,989 टन, मध्य प्रदेश से 3,36,039 टन तथा गुजरात से 24,242 और महाराष्ट्र से 2,03,887 टन के अलावा तथा राजस्थान से 25,469 टन की हुई है।

चालू खरीफ सीजन में मूंगफली की खरीद समर्थन मूल्य 6,783 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 20,47,471 टन की खरीद को केंद्र सरकार ने मंजूरी दी हुई है, जिसमें से निगम ने 23 दिसंबर तक 3,86,041 टन की खरीद की है। मूंगफली की खरीद गुजरात से 2,88,013 टन, राजस्थान से 72,264 टन और उत्तर प्रदेश से 25,763 टन की हुई है। कर्नाटक एवं हरियाणा तथा आंध्र प्रदेश की मंडियों से अभी तक खरीद शुरू नहीं हो पाई है।

अन्य तिलहनी फसलों में सनफ्लावर की समर्थन मूल्य 7,280 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 13,210 टन की खरीद को केंद्र सरकार ने मंजूरी दी हुई है, जिसमें से कर्नाटक के किसानों से 23 दिसंबर तक 3,278 टन की खरीद की जा चुकी है।

शीशम सीड की न्यूनतम समर्थन मूल्य 9,267 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 31,596 टन की खरीद को केंद्र सरकार ने मंजूरी दी हुई है जोकि अभी तक शुरू नहीं हुई है। शीशम सीड की खरीद उत्तर प्रदेश और हरियाणा की मंडियों से की जानी है।

चालू पेराई सीजन में महाराष्ट्र में चीनी के उत्पादन में 24 फीसदी की कमी

नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2024 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2024-25 (अक्टूबर से सितंबर)  में 26 दिसंबर तक महाराष्ट्र में चीनी के उत्पादन में 24.46 फीसदी की कमी आई है। राज्य में औसत रिकवरी की दर से पिछले साल की तुलना में कम बैठ रही है।


राज्य के चीनी आयुक्त कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार पहली अक्टूबर से 26 दिसंबर तक राज्य में चीनी का उत्पादन घटकर 25.81 लाख टन का ही हुआ है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 34.71 लाख टन का उत्पादन हो चुका था। राज्य की कुल चीनी रिकवरी दर चालू सीजन में 8.5 फीसदी की बैठ रही है, जोकि पिछले सीजन की समान अवधि के 8.78 फीसदी की तुलना में कम बैठ रही है।

राज्य की चीनी मिलों ने चालू पेराई सीजन में 26 दिसंबर तक 303.53 लाख टन गन्ने की पेराई की है, जोकि पिछले सीजन की समान अवधि के दौरान पेराई किए गए 395.36 लाख टन की तुलना में कम है।

चालू पेराई सीजन में महाराष्ट्र में 189 चीनी मिलें चल रही हैं, जबकि पेराई सीजन 2023-24 के दौरान 203 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी।

जानकारों के अनुसार अप्रैल से जून दौरान राज्य में शुष्क मौसम और उसके बाद नवंबर तक भारी बारिश के कारण गन्ने के जल्दी पकने, विकास में कमी और वृद्धि में कमी के कारण प्रति हेक्टेयर उत्पादकता में कमी आई है। इसलिए राज्य में चीनी की रिकवरी पिछले वर्ष की तुलना में कम बैठ रही है। माना जा रहा है कि चालू पेराई सीजन 2024-25 में राज्य में 100 से 102 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है।