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24 फ़रवरी 2025

जनवरी में देश से डीओसी के निर्यात में 5 फीसदी की कमी आई - एसईए

नई दिल्ली। जनवरी में देश से डीओसी के निर्यात में 5 फीसदी की कमी आकर कुल निर्यात 452,352 टन का ही हुआ है, जबकि पिछले साल जनवरी में इनका निर्यात 477,580 टन का ही हुआ था।


सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, एसईए के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहले 10 महीनों अप्रैल से जनवरी के दौरान डीओसी के निर्यात में 9 फीसदी की गिरावट आकर कुल निर्यात 3,603,030 टन का ही हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात 3,974,351 टन का ही हुआ था। इस दौरान सरसों डीओसी के साथ ही कैस्टर एवं राइस ब्रान डीओसी के निर्यात में कमी आई है।

चालू वित्त वर्ष के पहले दस महीनों (अप्रैल 2024 से जनवरी 2025) में सोया डीओसी का कुल निर्यात पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 15.86 लाख टन की तुलना में बढ़कर 17.71 लाख टन हो गया। इसके निर्यात में बढ़ोतरी का श्रेय जर्मनी और फ्रांस जैसे यूरोपीय खरीदारों द्वारा अधिक आयात को जाता है। हालांकि तेल वर्ष अक्टूबर 2024 से जनवरी 2025 के दौरान सोया डीओसी का निर्यात अक्टूबर 2023 से जनवरी 2024 तक की समान अवधि के 9.98 लाख टन की तुलना में 14 फीसदी कम होकर 8.62 लाख टन का ही हुआ है।

मक्का और अनाज से डीडीजीएस का उत्पादन और आपूर्ति बढ़ने से स्थानीय बाजार से डीओसी की निर्यात मांग कम हुई है। इसके अलावा, सरसों डीओसी के लिए बांग्लादेश एक प्रमुख बाजार है, जहां हाल के महीनों में अनिश्चितता के कारण इसके निर्यात में कमी आई है, तथा आगामी दिनों में इसके निर्यात में और भी कमी आने की आशंका है।

चालू फसल सीजन में केंद्र सरकार ने 11 फरवरी तक 4,892 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी की दर से 14.73 लाख टन से अधिक सोयाबीन की खरीद की है। अभी तक कुल खरीद में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी महाराष्ट्र की 8.36 लाख टन तथा मध्य प्रदेश की 3.88 लाख टन और राजस्थान की 0.99 लाख टन हैं। नवंबर में जारी पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार, फसल सीजन 2024-25 के दौरान सोयाबीन का उत्पादन 133.60 लाख टन होने की उम्मीद है, जो पिछले साल के 130.62 लाख टन से अधिक है, जबकि सोपा ने वर्ष 2024-25 के लिए 125.82 लाख टन सोयाबीन के उत्पादन का अनुमान लगाया है।

भारतीय बंदरगाह पर जनवरी में सोया डीओसी का भाव तेज होकर 378 डॉलर प्रति टन हो गया, जबकि दिसंबर में इसका दाम 363 डॉलर प्रति टन था। इस दौरान सरसों डीओसी का मूल्य जनवरी में भारतीय बंदरगाह पर 270 डॉलर प्रति टन रहा, जबकि दिसंबर में भी इसका भाव 270 डॉलर प्रति टन ही था। इस दौरान कैस्टर डीओसी का दाम जनवरी में भी 81 डॉलर प्रति टन पर स्थिर है, जबकि दिसंबर में भी यही भाव था।

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