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15 फ़रवरी 2025

केंद्र सरकार पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात को फरवरी से आगे नहीं बढ़ाएगी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात को फरवरी 2025 से आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। इस मामले पर गुरुवार को केंद्रीय मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में होने वाले मंत्री समूह (जीओएम) की बैठक में चर्चा की जाएगी।


द पल्सेस कॉन्क्लेव 2025 के मौके पर खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि हम पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात को रोक रहे हैं। जोशी ने कहा कि खाद्य मंत्रालय ने अपनी टिप्पणी दे दी है और पीली मटर पर सीमा शुल्क लगाने पर अंतिम निर्णय जीओएम द्वारा लिया जाएगा।

मालूम हो कि केंद्र सरकार ने दिसंबर 2023 में पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी थी और बाद में इसे 28 फरवरी 2025 तक तीन बार बढ़ाया था। वर्ष 2024 में भारत में दलहन का कुल आयात 67 लाख टन का हुआ था, जिसमें पीली मटर की हिस्सेदारी 30 लाख टन की थी।

इस अवसर पर इंडिया पल्सेस एंड ग्रेन एसोसिएशन (आईपीजीए) के अध्यक्ष बिमल कोठारी ने कहा कि सरकार किसानों के हित में पीली मटर के आयात पर प्रतिबंध लगा सकती है। दालों के सम्मेलन के अवसर पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात को आगे नहीं बढ़ेगा, तथा आयात पर कुछ प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले साल देश में दलहन उत्पादन में कमी आई थी, और कीमत बढ़ गई थीं, जिस कारण हमें आयात करना पड़ा। लेकिन मुझे नहीं लगता कि इस साल हम इतनी ही मात्रा में आयात करने जा रहे हैं, अत: दालों के कुल आयात में भी कमी आने का अनुमान है।

पीली मटर के आयात पर संभावित प्रतिबंधों के साथ ही कोठारी ने कहा कि अधिक घरेलू उत्पादन के कारण चालू वर्ष में अनुमानित 5.5 मिलियन टन से 2025-26 वित्त वर्ष में देश का कुल दाल आयात घट सकता है। उद्योग को उम्मीद है कि सरकार पीली मटर पर 15-20 फीसदी का आयात शुल्क लगा सकती है।

मार्च एवं अप्रैल में घरेलू बाजार में रबी दलहन की आवक शुरू हो जायेगी, अतः: सरकार किसानों के हितों को देखते हुए इसके आयात पर शुल्क लगा सकती है।

कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू रबी सीजन में मटर की बुआई थोड़ी बढ़कर 7.94 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुआई केवल 7.90 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी।

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