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03 फ़रवरी 2025

केंद्र सरकार ने सी हैवी मोलासेस से उत्पादित एथेनॉल की कीमत 3 फीसदी बढ़ाई

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सी हैवी मोलासेस (सीएचएम) से प्राप्त ईबीपी कार्यक्रम के लिए एथेनॉल की एक्स-मिल कीमत 56.58 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 57.97 रुपये प्रति लीटर तय कर दी है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बुधवार हुई बैठक में इस पर फैसला किया गया। केंद्र सरकार के इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत 1 नवंबर, 2024 से 31 अक्टूबर 2025 तक एथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2024-25 के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के लिए एथेनॉल खरीद मूल्य में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इसके अनुसार एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2024-25 (1 नवंबर 2024 से 31 अक्टूबर 2025) के लिए सी हैवी मोलासेस (सीएचएम) से प्राप्त ईबीपी कार्यक्रम के लिए एथेनॉल की एक्स-मिल कीमत 56.58 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 57.97 रुपये प्रति लीटर तय की गई है।

इस मंजूरी से सरकार को एथेनॉल आपूर्तिकर्ताओं के लिए मूल्य स्थिरता और लाभकारी मूल्य प्रदान करने में नीति जारी रखने में सुविधा होगी, साथ ही कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता को कम करने के साथ ही विदेशी मुद्रा की बचत करने और पर्यावरण को लाभ पहुंचाने में भी मदद मिलेगी। गन्ना किसानों के हित में, पहले की तरह, जीएसटी और परिवहन शुल्क अलग से देय होंगे। सीएचएम एथेनॉल की कीमतों में 3 फीसदी की वृद्धि से बढ़े हुए मिश्रण लक्ष्य को पूरा करने के लिए एथेनॉल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

सरकार इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम लागू कर रही है, जिसमें तेल विपणन कंपनियां 20 फीसदी तक एथेनॉल के साथ मिश्रित पेट्रोल बेचती हैं। वैकल्पिक और पर्यावरण अनुकूल ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए इस कार्यक्रम को पूरे देश में लागू किया जा रहा है। इस हस्तक्षेप का उद्देश्य ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए आयात निर्भरता को कम करना और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना भी है। पिछले दस वर्षों (31.12.2024 तक) के दौरान, सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) द्वारा पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण के परिणामस्वरूप लगभग 1,13,007 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है।

सरकार ने पेट्रोल में 20 फीसदी एथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य को पहले के 2030 से आगे बढ़ाकर ईएसवाई 2025-26 कर दिया है और “भारत में इथेनॉल मिश्रण के लिए रोडमैप 2020-25” को सार्वजनिक डोमेन में डाल दिया है। इस दिशा में एक कदम के रूप में, तेल विपणन कंपनियों ने चालू ईएसवाई 2024-25 के दौरान 18 फीसदी मिश्रण हासिल करने की योजना बनाई है।

ईबीपी कार्यक्रम के तहत सरकार द्वारा प्रदान की गई सुविधा के कारण, देश भर में ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड डिस्टलरी के नेटवर्क, भंडारण और लॉजिस्टिक्स सुविधाओं के अलावा रोजगार के अवसरों और विभिन्न हितधारकों के बीच देश के भीतर मूल्य के बंटवारे के रूप में निवेश हुआ है। इससे विदेशी मुद्रा की बचत, कच्चे तेल के आयात में कमी, पर्यावरणीय लाभ और गन्ना किसानों को शीघ्र भुगतान में मदद मिलेगी।

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