नई दिल्ली। चालू फसल सीजन 2024 में जहां जीरे के साथ ही सौंफ का उत्पादन गुजरात में ज्यादा होने का अनुमान है, वहीं इस दौरान धनिया के साथ ही मेथी के उत्पादन अनुमान में कमी आने की आशंका है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन स्पाइस स्टेकहोल्डर्स (एफआईएसएस) के अनुसार फसल सीजन 2024 में गुजरात में जीरा का उत्पादन 98 फीसदी बढ़कर 2.54 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल इसका उत्पादन केवल 1.28 लाख टन का ही हुआ था। इस दौरान सौंफ का उत्पादन 119 फीसदी बढ़कर 1.30 लाख टन होने का अनुमान है जबकि फसल सीजन 2023 में इसका उत्पादन केवल 59,830 टन का ही हुआ था।
एफआईएसएस के अनुसार फसल सीजन 2024 में धनिया का उत्पादन गुजरात मे 43.80 फीसदी घटकर केवल 1,58,350 टन का ही होने का अनुमान है जबकि फसल सीजन 2023 के दौरान इसका उत्पादन 2,81,520 टन का हुआ था। मैथी का उत्पादन भी चालू फसल सीजन में 28 फीसदी घटकर 24,620 टन ही होने का अनुमान है, जबकि इसके पिछले सीजन में 33,990 टन का उत्पादन हुआ था।
गुजरात में मसाला कारोबारियों की जीरा के किसानों एवं फसल पर कड़ी नजर है। किसानों ने शनिवार को राज्य के कई क्षेत्रों में बेमौसम बारिश के कारण फसल को नुकसान होने की आशंका व्यक्त की थी। हालांकि प्रतिकूल मौसम के बावजूद, बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि इस वर्ष बुआई में हुई बढ़ोतरी से जीरा का उत्पादन बढ़ेगा। माना जा रहा है कि गुजरात के अलावा राजस्थान और मध्य प्रदेश सहित अन्य प्रमुख जीरा उत्पादक राज्यों में भी उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
उद्योग के अनुसार राजस्थान में जीरे का उत्पादन 53 फीसदी की भारी बढ़ोतरी के साथ 3.12 लाख टन तक होने की उम्मीद है। इसी तरह से राज्य में सौंफ का उत्पादन भी 81 फीसदी बढ़कर 67,120 टन होने का अनुमान है। हालांकि राज्य में धनिया का उत्पादन 26 फीसदी घटकर कुल 64,000 टन ही होने का अनुमान है।
एफआईएसएस के अध्यक्ष अश्विन नायक के अनुसार गुजरात में जीरा के उत्पादन में बढ़ोतरी का श्रेय पिछले साल कीमतें ज्यादा होने के कारण किसानों द्वारा बुआई क्षेत्र में उल्लेखनीय बढ़ोतरी को जाता है। नायक ने कहा कि बुआई में बढ़ोतरी के कारण, इस साल बंपर उत्पादन अनुमान के कारण जीरे की कीमतों में बड़ी तेजी की संभावना नहीं है। हालांकि इस समय जीरा की निर्यात मांग मजबूत है तथा जून तक निर्यात मांग बराबर बनी रहने की उम्मीद है।
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