नई दिल्ली। निर्यातकों की मांग बढ़ने से बासमती चावल के साथ ही धान की कीमतों में सुधार आया है। उत्तर भारत के राज्यों में बासमती चावल के भाव गुरुवार को 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल तथा धान की कीमतें 25 से 50 रुपये प्रति क्विंटल तक तेज हुई।
हरियाणा लाइन से पूसा 1,121 सेला चावल अच्छी क्वालिटी के दाम तेज होकर 8,000 से 8,200 रुपये तथा गोल्डन सेला को दाम बढ़कर 8,400 से 8,500 रुपये तथा इसके स्टीम चावल के दाम तेज होकर 8,700 से 8,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
इस दौरान पूसा 1,509 किस्म के सेला चावल के दाम बढ़कर 6,700 से 6,800 रुपये और गोल्डन सेला के 7,000 से 7,100 रुपये तथा इसके स्टीम चावल के भाव 7,500 से 7,650 रुपये प्रति क्विंटल क्वालिटी अनुसार हो गए। बासमती चावल के सेला का भाव 10,000 रुपये और बासमती रॉ का दाम बढ़कर 11,500 से 12,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।
हरियाणा की जुलाना मंडी में पूसा 1,121 किस्म के धान के दाम तेज होकर गुरुवार को 4,600 रुपये और 1,718 किस्म के 4,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। सिरसा मंडी में 1,401 किस्म के धान के दाम 4,318 रुपये तथा टोहाना मंडी में 1,718 किस्म के धान के भाव 4,270 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। मध्य प्रदेश की डबरा मंडी में पूसा 1,121 किस्म के धान के दाम 4,200 रुपये और 1,718 किस्म के 3,700 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
जानकारों के अनुसार बासमती चावल की निर्यात शिपमेंट पहले की तुलना में बढ़ी है, तथा राइस मिलों के पास उंचे दाम का धान का स्टॉक है। अत: मौजूदा कीमतों में मिलों को पड़ते नहीं लग रहे है, जिस कारण बिकवाली कमजोर है। ऐसे में बासमती चावल के साथ ही धान की मौजूदा कीमतों में और भी सुधार आने का अनुमान है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2023-24 के पहले 10 महीनों अप्रैल से जनवरी के दौरान बासमती चावल का निर्यात 12.31 फीसदी बढ़कर 41.05 लाख टन का हुआ है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान इसका निर्यात केवल 36.55 लाख टन का हुआ था।
गैर बासमती चावल के निर्यात में चालू वित्त वर्ष के पहले 10 महीनों अप्रैल से जनवरी के दौरान 37.34 फीसदी की भारी गिरावट आकर कुल निर्यात 91.26 लाख टन का ही हुआ है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 145.65 लाख टन का हुआ था।
जनवरी 2024 में बासमती चावल का निर्यात बढ़कर 5.62 लाख टन का हुआ है, जबकि पिछले साल जनवरी 2023 में इसका निर्यात केवल 4.57 लाख टन का ही हुआ था। गैर बासमती चावल का निर्यात जनवरी 2024 में घटकर केवल 7.84 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल जनवरी 2023 में इसका निर्यात 31.90 लाख टन का हुआ था।
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