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10 अप्रैल 2023

स्टॉकिस्टों की बिकवाली घटने से आयातित अरहर एवं उड़द महंगी, चना एवं मूंग के भाव घटे

नई दिल्ली। स्टॉकिस्टों की बिकवाली कमजोर बनी रहने से घरेलू बाजार में शनिवार को आयातित अरहर के साथ ही उड़द की कीमतों में तेजी दर्ज की गई, जबकि इस दौरान चना एवं मूंग के दाम कमजोर हो गए। मसूर में सीमित मांग से दाम लगभग स्थिर बने रहे।


बर्मा के स्थानीय बाजार में लेमन अरहर एवं उड़द की कीमतें रुक गई। उड़द एफएक्यू और  एसक्यू के दाम अप्रैल एवं मई शिपमेंट की फसल सीजन 2023 के क्रमश: 915 डॉलर और 1,015 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ पर स्थिर हो गए। इस दौरान लेमन अरहर के भाव 1,020 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ बोले गए।

बर्मा से उड़द के आयात पड़ते महंगे हैं इसलिए आयातकों को बिकवाली कमजोर बनी रहने से उड़द की कीमतों में तेजी दर्ज की गई। हालांकि उड़द दाल में दक्षिण भारत की मांग कमजोर है, साथ ही चालू महीने के मध्य तक रबी उड़द की आवक मंडियों में बढ़ेगी। केंद्र सरकार लगातार दलहन की कीमतों की समीक्षा कर रही है, इसलिए मिलर्स भी जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रहे हैं। ऐसे में उड़द में बढ़े दाम पर बिकवाली करते रहना चाहिए। आगामी दिनों में रबी उड़द की आवक उत्पादक मंडियों में बढ़ेगी।

घरेलू बाजार में बर्मा के साथ ही अफ्रीकी देशों से आयातित अरहर के भाव तेज हुए है। महाराष्ट्र में बारिश होने के कारण देसी अरहर की आवक उत्पादक मंडियों में कम हुई है तथा मौसम अभी खराब बना रहने की आशंका है। जानकारों के अनुसार बर्मा के साथ ही अफ्रीकी देशों से अरहर के आयात पड़ते महंगे हैं। साथ ही घरेलू मंडियों में देसी अरहर की आवक पहले की तुलना में घटी है। ऐसे में अरहर की कीमतों में बड़ी गिरावट के आसार तो कम है, लेकिन केंद्र सरकार की सख्ती के कारण मिलर्स केवल जरुरत के हिसाब से अरहर की खरीद कर रहे हैं। इसलिए इसके भाव में सीमित तेजी, मंदी बनी रहने का अनुमान है। अरहर दाल में थोक साथ ही खुदरा में ग्राहकी सामान्य की तुलना में कमजोर है।

महाराष्ट्र की अकोला मंडी में नई अरहर की आवक खराब मौसम के कारण घटकर 1500 कट्टों की हुई तथा इसके बिल्टी भाव 50 रुपये तेज होकर दाम 8750 से 8775 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। हिंगनघाट मंडी में नई अरहर की आवक घटकर 1,800 कट्टों की हुई, तथा इसके दाम 7700 से 8920 रुपये प्रति क्विंटल क्वालिटीनुसार रहे।

जयपुर मंडी में नए चना के भाव 25 रुपये तेज होकर 5100 से 5150 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

झांसी मंडी में बोल्ड मसूर के भाव 5400 से 5500 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे तथा आवक 1,500 कट्टों की हुई। सफेद मटर के भाव 50 रुपये तेज होकर दाम 4100 से 4500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए तथा आवक 1,200 कट्टों की हुई।

गुंटूर लाइन की नई मूंग के विजयवाड़ा डिलीवरी के बिल्टी भाव 7450 से 7500 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रहे।

देसी के साथ ही आयातित मसूर के दाम स्थिर बने हुए हैं। व्यापारियों के अनुसार उत्पादक राज्यों में मौसम साफ है इसलिए नई मसूर की आवक चालू महीने के मध्य तक बढ़ेगी। चालू रबी सीजन में मसूर की बुआई पिछले साल की तुलना में बढ़ी है जिससे उत्पादन अनुमान भी ज्यादा है। ऐसे में आगामी दिनों में मसूर की कीमतों में नरमी तो आयेगी, लेकिन बड़ी गिरावट के आसार कम है।  उत्पादक मंडियों में जहां पुरानी मसूर का बकाया स्टॉक कम है, वहीं आगामी दिनों में बंगाल के साथ ही असम की मांग बढ़ेगी। वैसे भी उत्पादक मंडियों में पुरानी मसूर का बकाया स्टॉक पिछले साल की तुलना में कम है।

दिल्ली में चना की कीमतें कमजोर बनी हुई हैं। जानकारों के अनुसार उत्पादक राज्यों में मौसम अनुकूल रहा तो नए चना की आवक बढ़ेगी, साथ ही दाल मिलों की खरीद में भी सुधार आयेगा। इसलिए आगे भाव में दाल मिलों की मांग बढ़ने पर सुधार तो आएगा, लेकिन अभी बड़ी तेजी के आसार नहीं है। नेफेड उत्पादक राज्यों से चना की एमएसपी पर बराबर खरीद कर रही हैं तथा अभी तक 624,429 टन चना की खरीद हो चुकी है।

दिल्ली में मूंग के भाव 100 रुपये कमजोर हो गए। मौसम अनुकूल रहा तो चालू महीने के मध्य तक नई मूंग की आवक बढ़ेगी। चालू रबी सीजन में मूंग की बुवाई पिछले साल की तुलना में बढ़ी है साथ ही मूंग दाल में बढ़े भाव में ग्राहकी सामान्य की तुलना में कमजोर है, इसलिए दाल मिलें केवल जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रही है। हालांकि अच्छी क्वालिटी के मालों की उपलब्धता कम है। इसलिए आगे नई फसल की आवक बढ़ने पर इसके भाव में और भी गिरावट आने के आसार हैं।

दाल मिलों की मांग सुधरने से दिल्ली में उड़द एफएक्यू पुरानी एवं नई के दाम 50-50 रुपये तेज होकर भाव क्रमश: 7800 से 7825 रुपये और 7875 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इस दौरान नई उड़द एसक्यू के दाम 75 रुपये तेज होकर 8500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, जबकि पुरानी उड़द एसक्यू के दाम 75 रुपये बढ़कर 8425 से 8450 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

मुंबई में उड़द एफएक्यू पुरानी और नई के दाम 100 रुपये बढ़कर क्रमश: 7650 से 7750 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

चेन्नई में नई उड़द एसक्यू के दाम हाजिर डिलीवरी के बढ़कर 8200 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इस दौरान उड़द एफएक्यू के भाव हाजिर डिलीवरी के 7550 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।  

दाल मिलों की खरीद बढ़ने से दिल्ली में बर्मा की लेमन अरहर के भाव 75 रुपये तेज होकर दाम 8550 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। हाजिर बाजार में अरहर का स्टॉक कमजोर है।

इस दौरान चेन्नई में लेमन अरहर के भाव 50 रुपये तेज होकर 8150 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

दाल मिलों की सीमित मांग के कारण मुंबई में लेमन अरहर के दाम 8150 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।

मुंबई में अफ्रीकी देशों से आयातित अरहर के दाम तेज हुए। मोजाम्बिक लाइन की गजरी अरहर की कीमतें 50 रुपये बढ़कर भाव 6800 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इस दौरान मोजाम्बिक की सफेद अरहर के भाव 6900 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। सूडान से आयातित अरहर के दाम 50 रुपये बढ़कर 8250 से 8450 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। मलावी से आयातित अरहर के दाम 100 रुपये बढ़कर 6700 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गए।

दाल मिलों की सीमित मांग से दिल्ली में मध्य प्रदेश की मसूर के दाम 6,150 से 6,175 प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इस दौरान कनाडा की मसूर के दाम 6,050 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

हजिरा बंदरगाह पर कनाडा की मसूर के भाव 5,881 से 5,900 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इस दौरान मुंद्रा बंदरगाह पर कनाडा की मसूर के दाम 5,781 से 5,800 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। ऑस्ट्रेलिया की मसूर की कीमतें वैसल में 5,800 से 5,850 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर हो गई। कनाडा की मसूर की कीमतें कंटेनर में 6,150 से 6,200 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गई। ऑस्ट्रेलिया की मसूर की कीमतें कंटेनर में 6,250 से 6,300 रुपये प्रति क्विंटल बोली गई।

दिल्ली में राजस्थान के नए चना के भाव कमजोर होकर 5150 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि पुराने चना के भाव घटकर 5225 रुपये प्रति क्विंटल बोले। इस दौरान मध्य प्रदेश के चना के भाव घटकर 5175 से 5200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। हालांकि उत्पादक मंडियों में शाम के सत्र में चना की कीमतों में 25 से 50 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई।

राजस्थान लाईन की मूंग की कीमतें दिल्ली में 100 रुपये कमजोर होकर दाम 8900 से 9000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

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