नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के बाद पंजाब एवं हरियाणा में भी गेहूं की सरकारी खरीद के लिए गुणवत्ता मानदंडों में ढील देने पर केंद्र सरकार विचार कर रही है। इन राज्यों में हाल ही में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की उत्पादकता के साथ ही क्वालिटी को भारी नुकसान हुआ है।
केंद्रीय खाद्य सचिव ने कहा कि केंद्र जल्द ही पंजाब और हरियाणा में गेहूं की खरीद के लिए गुणवत्ता मानदंडों में ढील देने पर विचार करेगा। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश में गेहूं की खरीद के लिए गुणवत्ता मानकों में ढील दी गई है।
केंद्र सरकार का मानना है कि प्रमुख उत्पादक राज्यों में हाल ही में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से करीब 8-10 फीसदी गेहूं की फसल खराब होने का अनुमान है। हालांकि खराब मौसम के कारण फसल को हुए नुकसान के बावजूद सरकार को रिकॉर्ड 11.2 करोड़ टन गेहूं उत्पादन की उम्मीद है।
एफसीआई और राज्य एजेंसियों की ओर से गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर खरीद पहले ही कई राज्यों में शुरू हो चुकी है, लेकिन हाल ही में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण मंडियों में गेहूं की आवक नहीं बढ़ पा रही है। सूत्रों के अनुसार उत्पादक राज्यों से एमएसपी पर अभी तक केवल 1,59,722.86 टन गेहूं की खरीद ही हुई है। इसमें सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश से 1,58,125.26 टन गेहूं की खरीद हुई है। उत्तर प्रदेश से इस दौरान 1,522.70 टन, पंजाब से केवल 5.80 टन एवं हरियाणा से 69.10 टन गेहूं की खरीद ही हुई है।
हरियाणा कृषि विभाग का कहना है कि राज्य में 20 फीसदी गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है, वहीं पंजाब कृषि विभाग का कहना है कि राज्य में 40 फीसदी गेहूं की फसल बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि और तेज हवाओं से प्रभावित हुई है।
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से चालू रबी विपणन सीजन 2023-24 के दौरान खरीदे जा रहे गेहूं के गुणवत्ता मानदंडों में ढील देने का आग्रह किया है। राज्य में एक अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू हो गई है, लेकिन प्रतिकूल मौसम के कारण गेहूं की कटाई एवं थ्रेसिंग नहीं हो पा रही है।
केंद्र सरकार ने चालू रबी विपणन सीजन 2023-24 में 341 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य तय किया है। पिछले रबी विपणन सीजन 2022-23 में भारतीय खाद्य निगम एमएसपी पर केवल 187.49 लाख टन गेहूं की खरीद ही कर पाई थी, जोकि तय लक्ष्य से काफी कम था। पहली अप्रैल 2023 से शुरू हुए रबी विपणन सीजन के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं का एमएसपी 2,125 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है, जोकि पिछले रबी विपणन सीजन के मुकाबले 110 रुपये प्रति क्विंटल ज्यादा है।
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