नई दिल्ली। केंद्र सरकार के दबाव से स्टॉकिस्टों की मुनाफावसूली बनने से घरेलू बाजार में शनिवार को अरहर एवं उड़द के साथ ही मसूर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि चना के भाव तेज हुए। इस दौरान मूंग के दाम स्थिर बने रहे।
व्यापारियों के अनुसार मार्च क्लोजिंग के कारण दालों में थोक के साथ ही खुदरा में ग्राहकी कमजोर है, साथ ही मिलें भी केवल जरुरत के हिसाब से ही दलहन की खरीद कर रही हैं। अत: व्यापार सीमित मात्रा में ही हो रहा है।
आयातित उड़द की कीमतों में घरेलू बाजार में गिरावट दर्ज की गई, हालांकि घटे दाम पर आयातकों बिकवाली कमजोर देखी गई। जानकारों के अनुसार बर्मा में दाम तेज होने के कारण उड़द के आयात पड़ते महंगे हैं इसलिए आयातक दाम घटाकर बेचना नहीं चाहते। उधर उड़द दाल में बढ़े दाम पर दक्षिण भारत की मांग कमजोर है, साथ ही मार्च क्लोजिंग के कारण मिलें केवल जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रही हैं। इसलिए इसके भाव में हल्की तेजी, मंदी बनी रहने की उम्मीद है। अप्रैल में रबी उड़द की आवक मंडियों में बढ़ेगी, उसके बाद भाव में नरमी आ सकती है।
केंद्र सरकार की सख्ती के से घरेलू बाजार में लेमन एवं अफ्रीकी देशों से आयातित अरहर के भाव कमजोर हुए है, लेकिन नीचे दाम पर स्टॉकिस्टों की बिकवाली कमजोर हुई। व्यापारियों के अनुसार अनुसार बर्मा के साथ ही अफ्रीकी देशों से अरहर के आयात पड़ते महंगे हैं, साथ ही प्रतिकूल मौसम से अफ्रीकी देशों में भी नई अरहर की आवकों में देरी की आशंका है। घरेलू मंडियों में देसी अरहर की आवक जरुर पहले की तुलना में घटी है। हालांकि केंद्र सरकार जिस तरह से दलहन की कीमतों को लेकर सख्ती बरत रही है, उसे देखते हुए अभी इसके भाव में बड़ी तेजी मानकर व्यापार नहीं करना चाहिए। वैसे भी अरहर दाल में ग्राहकी सामान्य की तुलना में कमजोर है।
कर्नाटक की गुलबर्गा मंडी में नई अरहर की आवक 7 हजार कट्टों की हुई तथा इसके भाव 100 रुपये कमजोर होकर 8200 से 8500 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। लातूर मंडी में नई अरहर के बिल्टी दाम 150 रुपये कमजोर होकर भाव 8600 से 8700 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
गुलबर्गा मंडी में नए चना के भाव 4800 से 5000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए, तथा आवक 3,000 कट्टों की हुई।
झांसी मंडी में देसी मसूर के भाव 5500 से 5600 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे, तथा आवक 1,200 कट्टों की हुई। मंडी में सफेद मटर की आवक 3,000 कट्टों की हुई तथा भाव 4,000 से 4,550 रुपये और हरी मटर के दाम 5,000 से 5,500 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
व्यापारियों के अनुसार दिल्ली में मसूर के दाम कमजोर हुए, जबकि मुंबई में आयातित मसूर के दाम स्थिर बने रहे। हालांकि उत्पादक राज्यों में मौसम खराब है। व्यापारियों के अनुसार मौसम साफ रहा तो नई मसूर की आवक उत्पादक मंडियों में अप्रैल में बढ़ेगी, तथा चालू चालू रबी सीजन में मसूर की बुआई बढ़ी है जिससे उत्पादन अनुमान भी ज्यादा है। हालांकि घरेलू बाजार में पुरानी मसूर का बकाया स्टॉक पिछले साल की तुलना में कम है। उधर कनाडा के साथ ही ऑस्ट्रेलिया से आयात बराबर बना रहेगा। इसलिए मसूर के भाव में अभी सीमित तेजी, मंदी बनी रहने का अनुमान है।
दिल्ली में चना के भाव में तेजी आई है, हालांकि बढ़े दाम पर मिलों की मांग कमजोर बनी रही। मार्च क्लोजिंग के कारण मिलें केवल जरुरत के हिसाब से ही चना की खरीद कर रही हैं। इसलिए भाव में अभी सीमित तेजी, मंदी रहेगी मौसम साफ रहा तो अप्रैल में उत्पादक मंडियों में नए चना की आवक बढ़ेगी, साथ ही दाल मिलों की खरीद भी बढ़ेगी। नेफेड ने कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और गुजरात में एमएसपी पर 3,48,524 टन चना की खरीद की है।
दिल्ली में मूंग के भाव दूसरे दिन भी स्थिर बने रहे। व्यापारियों के अनुसार व्यापार सीमित मात्रा में होने से कीमतों में अभी ज्यादा तेजी, मंदी के आसार नहीं है। हालांकि हाजिर बाजार में अच्छी क्वालिटी की उपलब्धता कम है, लेकिन मौसम अनुकूल रहा तो अप्रैल में नई मूंग की आवक बढ़ेगी। वैसे भी चालू रबी सीजन में मूंग की बुवाई पिछले साल की तुलना में बढ़ी है। मूंग दाल में बढ़े भाव में ग्राहकी सामान्य की तुलना में कमजोर है, इसलिए दाल मिलें केवल जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रही है।
दाल मिलों की मांग कमजोर होने से दिल्ली में उड़द एफएक्यू पुरानी एवं नई के दाम 75-100 रुपये कमजोर होकर भाव क्रमश: 7775 से 7800 रुपये और 7825 से 7850 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान नई उड़द एसक्यू के दाम 125 रुपये कमजोर होकर 8425 से 8450 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि पुरानी उड़द एसक्यू के दाम 100 रुपये घटकर 8375 से 8400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
मुंबई में नई उड़द एफएक्यू की कीमतों में 100 रुपये की गिरावट आकर भाव 7550 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
चेन्नई में उड़द एसक्यू के दाम हाजिर डिलीवरी के 8200 रुपये प्रति क्विंटल स्थिर हो गए। इस दौरान उड़द एफएक्यू के भाव हाजिर डिलीवरी के 7600 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर रहे।
दाल मिलों की खरीद घटने से दिल्ली में बर्मा की लेमन अरहर के भाव 225 रुपये कमजोर होकर दाम 8400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
इस दौरान चेन्नई में लेमन अरहर के भाव 225 रुपये कमजोर होकर 7925 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
दाल मिलों की मांग घटने के कारण मुंबई में लेमन अरहर के दाम 200 रुपये घटकर भाव 8000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
मुंबई में अफ्रीकी देशों से आयातित अरहर के दाम कमजोर हुए। मोजाम्बिक लाइन की गजरी अरहर की कीमतें 150 रुपये कमजोर होकर 6750 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। इस दौरान मोजाम्बिक की सफेद अरहर के भाव 100 रुपये घटकर 6950 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। सूडान से आयातित अरहर के दाम 200 रुपये घटकर 8350 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। मलावी से आयातित अरहर के दाम 6550 से 6650 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।
दाल मिलों की मांग कमजोर होने से दिल्ली में मध्य प्रदेश की मसूर के दाम 25 रुपये कमजोर होकर भाव 6,250 प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान कनाडा की मसूर के दाम 25 रुपये घटकर 6,050 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
कनाडा की मसूर की कीमतें कंटेनर में 6,150 से 6,200 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गई। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया की मसूर की कीमतें कंटेनर में 6,250 से 6,300 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर हो गई। मुंद्रा बंदरगाह पर कनाडा की मसूर के दाम 5800 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। इस दौरान हजिरा बंदरगाह पर कनाडा की मसूर के भाव 5,900 से 5,925 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।
दिल्ली में राजस्थान के नए चना के भाव 25 रुपये बढ़कर 5250 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, जबकि पुराने चना के भाव 25 रुपये तेज होकर 5350 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। इस दौरान मध्य प्रदेश के चना के भाव 50 रुपये तेज होकर 5325 से 5350 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
राजस्थान लाईन की मूंग की कीमतें दिल्ली में 9200 से 9300 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही।
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