नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2022-23 के पहले 11 महीनों अप्रैल से फरवरी के दौरान जहां बासमती चावल के निर्यात में 17.71 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, वहीं इस दौरान गैर बासमती चावल का निर्यात 2.89 फीसदी बढ़ा है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2022-23 के अप्रैल से फरवरी के दौरान बासमती चावल का निर्यात बढ़कर 41 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात केवल 34.83 लाख टन का ही हुआ था।
गैर बासमती चावल का निर्यात वित्त वर्ष के अप्रैल से फरवरी के दौरान 2.89 फीसदी बढ़कर 160.92 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात केवल 156.40 लाख टन का ही हुआ था।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार के अनुसार मूल्य के हिसाब से वित्त वर्ष 2022-23 के अप्रैल से फरवरी के दौरान बासमती चावल का निर्यात बढ़कर 34,405 करोड़ रुपये का हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात केवल 22,941 करोड़ रुपये का ही हुआ था।
गैर बासमती चावल का निर्यात वित्त वर्ष के अप्रैल से फरवरी के दौरान मूल्य के हिसाब से बढ़कर 45,931 करोड़ रुपये का हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात केवल 41,361 करोड़ रुपये का ही हुआ था।
निर्यात में हुई बढ़ोतरी से घरेलू मंडियों में बासमती चावल की कीमतें तेज बनी हुई है। दिल्ली के नया बाजार में बुधवार को बासमती सेला चावल का भाव 8400 से 8500 रुपये और इसके स्टीम चावल का भाव 9600 से 9700 रुपये प्रति क्विंटल रहा। इस दौरान पूसा 1,509 किस्म के सेला चावल का भाव 7900 से 8000 रुपय और इसके स्टीम चावल का दाम 9300 से 9400 रुपये प्रति क्विंटल है।
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