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06 अप्रैल 2023

बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की करीब 8-10 फीसदी फसल खराब होने का अनुमान - केंद्र सरकार

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि प्रमुख उत्पादक राज्यों में हाल में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की करीब 8 से 10 फीसदी फसल खराब होने का अनुमान है। हालांकि लेकिन देर से बुवाई वाले क्षेत्रों में बेहतर उपज की संभावना से उत्पादन में होने वाले नुकसान की भरपाई की उम्मीद है। कृषि आयुक्त पी के सिंह ने कहा कि हाल के खराब मौसम के बावजूद कृषि मंत्रालय के दूसरे अनुमान के अनुसार इस साल देश का कुल गेहूं उत्पादन रिकॉर्ड 11.22 करोड़ टन पर पहुंच जाएगा।

पिछले कुछ दिनों से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण गरज, ओलावृष्टि और तेज हवाओं के साथ बेमौसम बारिश ऐसे समय हुई है, जब फसल कटाई के लिए लगभग तैयार थी। प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों के सीनियर अधिकारियों के साथ फसल क्षति की समीक्षा बैठक के बाद पीटीआई-भाषा से बात करते हुए सिंह ने कहा कि बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से कुछ स्थानों पर फसल को नुकसान हुआ है और साथ ही देर से की गई बुवाई वाले क्षेत्रों में उपज में वृद्धि हुई है।

कृषि आयुक्त पी के सिंह ने कहा कि लगभग 8 से 10 फीसदी गेहूं की फसल क्षति का अनुमान उन क्षेत्रों में लगाया गया है जो ओलावृष्टि, आंधी और तेज हवाओं के कारण पौधों के जमीन पर गिरने से हुआ है। उन्होंने कहा कि इस साल देश में कुल 3.4 करोड़ हेक्टेयर गेहूं बोए जाने के मद्देनजर गेहूं को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। कृषि आयुक्त ने कहा कि अन्य स्थानों पर जहां ओलावृष्टि और तेज हवाएं नहीं थीं, बेमौसम बारिश ने मिट्टी की नमी में सुधार किया है और गेहूं की फसल की उपज की संभावनाओं को बढ़ाया है।

पी के सिंह ने आगे कहा कि बेमौसम बारिश से अधिक क्षेत्र में फसल को फायदा हुआ है और देर से बुवाई वाले क्षेत्रों में फसल की पैदावार 10 से 15 फीसदी अधिक होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में 80 फीसदी गेहूं की फसल कट चुकी है, इसलिए इन दोनों राज्यों में फसल को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है।

पी के सिंह ने कहा कि अन्य राज्यों में, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में गेहूं का लगभग 25 फीसदी क्षेत्र देर से बोया गया था और इन स्थानों पर बेमौसम बारिश से फसल की वृद्धि में मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि इसलिए फसल के नुकसान की वजह से होने वाली संभावित क्षति की भरपाई बाकी पैदावार में बढ़ोतरी से हो जाएगी।

उधर बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से मध्य प्रदेश में लगभग 70 हजार हेक्टेयर में नुकसान हुआ है। राज्य के मुख्यमंत्री ने बताया कि सर्वे के आधार पर 64 करोड़ रुपये की राहत राशि का आंकलन हुआ है। साथ ही उन्होंने बताया कि 4-5 जिलों की सर्वे रिपोर्ट आना अभी बाकी है।   जिन जिलों में ओले गिरे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गेहूं खरीद का कार्य भी आरंभ हो चुका है, तथा गेहूं खरीद की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि वर्षा से प्रभावित चमकहीन गेहूं भी खरीदा जाएगा। संकट के समय किसानों को हर संभव सहयोग देने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। 

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