31 जनवरी 2014
काजू के निर्यात में 16 फीसदी बढ़ोतरी
पिछले एक साल से स्थिर बने हुए भारत के काजू गिरी के निर्यात में फिर तेजी आ सकती है। दिसंबर, 2013 में समाप्त चालू वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों के दौरान देश से इसका निर्यात 16 फीसदी बढ़कर 90,244 टन रहा है, जो पिछले साल की इसी अवधि में 77,869 टन था। दिसंबर, 2013 में समाप्त चालू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों के दौरान भारतीय निर्यातकों को काजू गिरी के निर्यात से 3,764 करोड़ रुपये की आमदनी हुई है, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 24.2 फीसदी ज्यादा है। अप्रैल से दिसंबर, 2012 के दौरान निर्यातकों की आमदनी 3,031 करोड़ रुपये रही थी।
निर्यात के वर्तमान रुझान को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में देश से निर्यात का आंकड़ा अब तक का दूसरे सर्वोच्च स्तर पर पहुंच सकता है। अब तक भारत का सबसे ज्यादा काजू गिरी का निर्यात वर्ष 2011-12 में 1,31,000 टन रहा था, जिसकी कीमत 4,390 करोड रुपये थी। वर्ष 2012-13 में भारत का निर्यात गिरकर 1,00,105 टन रहा, जिसकी कीमत 4,046 करोड़ रुपये थी।
मंगलूर स्थित निर्यात कंपनी अचल कैशूज के प्रबंध निदेशक जी गिरिधर प्रभु ने कहा, 'पिछले 5 वर्षों के दौरान केवल एक वर्ष को छोड़कर काजू गिरी का निर्यात 1 लाख टन के आसपास स्थिर बना हुआ है। इस साल कच्चे काजू के आयात और काजू गिरी के निर्यात में महत्त्वपूर्ण बढ़ोतरी रही है। इसके अलावा गिरी के आयात में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। यह इस बात को दर्शाता है कि हमने स्थिरता के रुझान को मात दी है और अब तक के सर्वोच्च निर्यात की दिशा में बढ़ रहे हैं।'
इस साल का अच्छा रुझान यह है कि अप्रैल से दिसंबर 2013 के दौरान कच्चे काजू का आयात पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 10 फीसदी गिरकर 6,62,795 टन रहा है। उन्होंने कहा कि आयात की औसत लागत में 23 फीसदी गिरावट आई है। इसके अलावा निर्यात बढऩे में प्रति इकाई कीमत प्राप्ति का भी अहम योगदान रहा है। (BS HIndi)
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