03 जनवरी 2014
सटोरिया सर्किट में फंसी अरंडी
लगातार दो दिन अपर सर्किट लगने के बाद आज अरंडी वायदा फिर लोअर सर्किट में फंस गया। अरंडी की कीमतें अब पिछले महीने के स्तर पर आ गई हैं। नई फसल की आवक और एफएमसी की सख्ती के कारण चालू महीने में अरंडी कीमतों में दोबारा 20 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है। अरंडी में सटोरियों की सक्रियता से पिछले 9 कारोबारी दिनों में सात बार सर्किट लग चुका है। पिछले एक महीने में अरंडी में भारी उतार-चढ़ाव रहा है।
महीने की शुरुआत में कीमतें 16 फीसदी ऊपर जाकर करीब इतने फीसदी ही गिरीं। कीमतें 10 फीसदी उछलने के बाद बुधवार को चार फीसदी का लोअर सर्किट लगा। इस सप्ताह के शुरुआती तीन कारोबारी दिनों में करीब 10 फीसदी से ज्यादा उछाल इसमें आई थी। लोअर सर्किट से एनसीडीईएक्स पर अरंडी जनवरी वायदा 4,420 रुपये, फरवरी 4,503 रुपये और अप्रैल 4,583 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है।
इसकी कीमतों में तेजी की वजह इस बार अरंडी उत्पादन 40 फीसदी घटने और कीमतों में गिरावट के लिए आपूर्ति में तेजी को जिम्मेदार बताया जा रहा है। लेकिन जानकारों को अरंडी की अटपटी चाल पर दाल में कुछ काला लग रहा है और इसी कारण विशेषज्ञ इस जिंस पर बात नहीं करना चाहते। बाजार में माल की कमी के कारण 20 दिसंबर को अरंडी की कीमतें 5,000 रुपये प्रति क्विंटल को पार कर गई थीं। तर्क था कि देश में अरंडी की कमी है और नई फसल आने में अभी वक्त है। अरंडी उत्पादक प्रमुख राज्य गुजरात और आंध्र प्रदेश में इस बार रकबा कम है।
इसे देखते हुए उत्पादन पिछले साल से 40 फीसदी कम रहने की संभावना है। लेकिन 21 दिसंबर से अरंडी की कीमतों में गिरावट का दौर शुरू हुआ और 28 दिसंबर तक कीमतेंं गिरकर 4,300 रुपये प्रति क्विंटल हो गईं। दोबारा कीमतें चढ़कर एक जनवरी को 4,650 रुपये के पार पहुंच गईं। विशेषज्ञों का कहना है कीमतों में उठापटक के पीछे जिंस एक्सचेंजों का हाथ रहा है। अरंडी का वायदा कारोबार करने वाले एक प्रमुख एक्सचेंज ने नवंबर और दिसंबर में अपने गोदामों में अरंडी का भंडारण अचानक रोक दिया था, जिससे सट्टेबाजों और कारोबारियों ने गुटबाजी करके कीमतों को चढ़ाना शुरु कर दिया था।
हो-हल्ला होने पर एक्सचेंज ने दोबारा माल लेना शुरू कर दिया। कारोबारियों के अनुसार पिछले दो माह में अरंडी में सटोरियों ने जमकर पैसा कमाया है। बीकानेर उद्योग मंडल के प्रवक्ता पुखराज चोपड़ा ने कहा कि अरंडी इस समय सटोरियों की पसंद है, लेकिन बाजार में नया माल आना शुरू हो गया है। इस सीजन में अरंडी का कुल उत्पादन 10 लाख टन रहने का अनुमान है। (BS Hindi)
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