25 जनवरी 2014
सोना छुएगा 1,330 डॉलर का स्तर!
चालू तिमाही में सोना वर्तमान कीमत स्तर से 5 फीसदी बढ़कर वर्ष के सर्वोच्च स्तर 1,330 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच सकता है। थॉमसन रॉयटर्स जीएफएमएस के एक अध्ययन में कहा गया है कि आभूषणों की गढ़ाई में अच्छी मांग के चलते भारी हाजिर खरीदारी से सोने में मजबूती आएगी। फिलहाल लंदन के हाजिर बाजार में पीली धातु 1,260 डॉलर प्रति औंस है। इस तरह भारत में इसका भाव 30,000 रुपये प्रति 10 ग्राम बैठता है।
10 फीसदी आयात शुल्क और इस समय बने हुए 120 डॉलर प्रति औंस के प्रीमियम से भारतीय बाजार में सोने की कीमत कम से कम 1,300 रुपये प्रति 10 ग्राम ज्यादा रहेगी। कीमतों में भारी गिरावट आने से निजी निवेशक बड़ी मात्रा में सोना खरीद रहे हैं, लेकिन पेशेवर निवेशक खरीदारी से पूरी तरह दूरी बनाए हुए हैं। यह स्थिति 2014 में भी बनी रहने की संभावना है। लेकिन 2014 की पहली तिमाही में शॉर्ट कवरिंग रैली की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, जो सोने के हाल में 1,185 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर होने से हो सकती है।
अध्ययन में कहा गया है, 'इसलिए संभव है कि चालू तिमाही के समाप्त होने से पहले सोना 1,330 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर पहुंचे। 2008 से 2011 तक सोना उच्च स्तर पर रहा, लेकिन इसके बाद यह स्तर फिर हासिल नहीं कर पाया है और इस साल भी इसके ऐसा कर पाने की संभावना नहीं है।' जिस तरह दूसरी तिमाही में कीमतें गिरी थीं, वैसा अमेरिका के बॉन्ड खरीद में कमी करने का सोने के बाजार पर असर नहीं पड़ा है। इसका असर इतना पड़ा कि एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों (ईटीएफ) ने 2013 के दौरान जहां 880 टन सोना बेचा, वहीं सोने की बार होर्डिंग पूर्वी एशिया, भारतीय उपमहाद्वीप और पश्चिम एशिया में 1,066 टन और पूरे विश्वभर में कुल 1,338 टन रही।
वर्ष 2013 में सोने में हुए भौतिक निवेश में ईटीएफ होल्डिंग और बार होर्डिंग की मांग 458 टन रही, जो 2012 में 1,285 टन थी। अमेरिका मे बॉन्ड खरीद कम से कम 2014 के अंत तक जारी रहने की संभावना है। तब तक ब्याज दरों के बारे दिशानिर्देश घोषित हो सकते हैं। सुधरते आर्थिक रुझानों से निवेशकों को जोखिम लेने की प्रेरणा मिलेगी, इसलिए सोने में भारी निवेश की संभावना नहीं है। हालांकि सोने में वर्ष के शुरुआत में कुछ तेजी आ सकती है, लेकिन यह 2011 के बाद आई गिरावट की भरपाई नहीं कर पाएगी।
थॉमसन रॉयटर्स के प्रमुख (धातु शोध एवं अनुमान) रहोना ओ कोन्नेल ने कहा, 'निवेश मांग कम है, इसलिए सोना हाल के वर्षों के रुझान के बजाय परंपरागत सीजनल पैटर्न दिखाएगा। यह इस ओर इशारा करता है कि निवेशकों के दूरी बनाने से दूसरी और तीसरी तिमाही में थोड़े समय के लिए सोना 1,000 डॉलर के स्तर तक भी गिर सकता है। लेकिन अच्छी हाजिर मांग की वजह से सोना इस स्तर पर ज्यादा समय नहीं टिकेगा।'
इस साल सोना अन्य परिसंपत्ति वर्गों से पीछे रहेगा, लेकिन अच्छी हाजिर मांग से इस साल औसत कीमत ठीक रहेगी। वर्ष 2013 के दौरान आभूषणों की गढ़ाई सबसे ज्यादा चीन में हुई, जिसका विश्व में हुए आभूषणों के कुल विनिर्माण में 33 फीसदी हिस्सा रहा। लेकिन भारत में सरकार के सोने के आयात पर प्रतिबंध लगाने से आभूषण उद्योग की वृद्धि कमजोर पड़ी। चीन और भारत में विश्व के 51 फीसदी आभूषणों का विनिर्माण होता है। (BS Hindi)
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