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27 मई 2024

तेल मिलों की कमजोर मांग से सरसों में गिरावट, हैफेड की बिकवाली से कीमतों पर दबाव

नई दिल्ली। हरियाणा में हैफेड ने 21,043.61 टन सरसों बेचने का निर्णय लिया है, इससे घरेलू बाजार में सरसों की कीमतों पर दबाव देखा गया। जयपुर में कंडीशन की सरसों के दाम 50 रुपये कमजोर होकर भाव 6,175 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान सरसों की दैनिक आवक सात लाख बोरियों के पूर्व स्तर पर बनी रही।


विदेशी बाजार में सप्ताहांत में खाद्वय तेलों में मिलाजुला रुख था। जानकारों के अनुसार मई में जिस तरह से मलेशिया में पाम तेल उत्पादों का उत्पादन बढ़ा है, साथ ही इस दौरान इसके निर्यात में कमी आई है। ऐसे में कीमतों पर दबाव बन सकता है। घरेलू बाजार में आज सरसों तेल की कीमतें में गिरावट आई, साथ ही सरसों खल के भाव भी कमजोर हुए।

सूत्रों के अनुसार हैफेड एग्री एक्सचेंज के माध्यम से 29 मई 2024 से फसल सीजन 2022 की खरीदी हुई सरसों बेचेगा। हरियाणा के फतेहाबाद, सिरसा ओर नारनौल जिलों के वेयर हाउस में रखे माल की बिकवाली की जायेगी। इससे घरेलू बाजार में सरसों की मौजूदा कीमतों में और भी नरमी आने का अनुमान है।

दिल्ली एवं हरियाणा के साथ ही अन्य कई राज्यों में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होने की वजह से व्यापारिक गतिविधियां शनिवार को कमजोर रही।  

उत्पादक मंडियों में शनिवार को सरसों की दैनिक आवक स्थिर हो गई। व्यापारियों के अनुसार हाल ही में आई तेजी को देखते हुए स्टॉकिस्टों की बिकवाली सरसों में पहले की तुलना में बढ़ी है। माना जा रहा है कि चालू सीजन में सरसों का उत्पादन, उद्योग के अनुमान में कम होने की आशंका है। गर्मी ज्यादा होने के कारण सरसों तेल की घरेलू मांग सामान्य की तुलना में कम रहेगी, हालांकि इसकी कीमतों में तेजी, मंदी काफी हद तक आयातित खाद्वय तेलों के दाम पर ही निर्भर करेगी।

जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी और एक्सपेलर की कीमतों में शनिवार को गिरावट दर्ज की गई। कच्ची घानी सरसों तेल के भाव 20 रुपये कमजोर होकर भाव 1,168 रुपये प्रति 10 किलो रह गए, जबकि सरसों एक्सपेलर तेल के दाम भी 20 रुपये घटकर 1,158 रुपये प्रति 10 किलो रह गए। जयपुर में शनिवार को सरसों खल के भाव 25 रुपये कमजोर होकर दाम 2,875 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक 7 लाख बोरियों की ही हुई, जबकि इसके पिछले कारोबारी दिवस में भी आवक इतनी ही बोरियों की हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में सरसों की 4.25 लाख बोरी, जबकि मध्य प्रदेश की मंडियों में 75 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 70 हजार बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 25 हजार बोरी तथा गुजरात में 25 हजार बोरी, एवं अन्य राज्यों की मंडियों में 80 हजार बोरियों की आवक हुई।

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