नई दिल्ली। चालू सीजन में कैस्टर सीड का उत्पादन अनुमान 11 फीसदी ज्यादा है, तथा लोकसभा चुनाव की वोटिंग होने के बाद गुजरात की मंडियों में कैस्टर सीड की दैनिक आवकों में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि कैस्टर तेल के निर्यात में फरवरी में बढ़ोतरी हुई थी, लेकिन उत्पादन अनुमान ज्यादा होने से कीमतों पर दबाव बना रहने की उम्मीद है।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, एसईए के अनुसार फसल सीजन 2022-23 में देश में कैस्टर सीड का उत्पादन 18.81 लाख टन होने का अनुमान है, जोकि इसके पिछले साल के 16.94 लाख टन की तुलना में 11 फीसदी ज्यादा है।
गुजरात की मंडियों में बुधवार में कैस्टर सीड की आवक 1,85,000 बोरियों की हुई तथा इसके भाव 1,075 से 1,095 रुपये प्रति 20 किलो पर स्थिर हो गए। गोंडल में कैस्टर सीड के भाव 1,060से 1,086 रुपये और जूनागढ़ में 1,040 से 1,085 रुपये तथा जामनगर मंडी में 1,030 से 1,085 रुपये प्रति 20 किलो रहे।
राजकोट में कमर्शियल कैस्टर तेल के दाम 1,125 रुपये और एफएसजी के दाम 1,135 रुपये प्रति 10 किलो पर स्थिर हो गए। जानकारों के अनुसार चालू सीजन में कैस्टर सीड का उत्पादन अनुमान ज्यादा है तथा आगामी दिनों आवकों में और बढ़ोतरी, इसलिए मौजूदा कीमतों में मंदा ही आने का अनुमान है।
एसईए के अनुसार फरवरी में कैस्टर तेल का निर्यात बढ़कर 56,561 टन का हुआ है, जबकि पिछले साल फरवरी में इसका निर्यात केवल 47,340 टन का ही हुआ था। चालू साल के पहले दो महीनों जनवरी एवं फरवरी में कैस्टर तेल का निर्यात बढ़कर 107,508 टन का हुआ है, जबकि पिछले साल के पहले दो महीनों में निर्यात 98,861 टन का ही हुआ था।
एसईए के अनुसार मूल्य के हिसाब से वर्ष 2024 के पहले 2 महीनों जनवरी एवं फरवरी में कैस्टर तेल का निर्यात घटकर 1,321.71 करोड़ रुपये का ही हुआ है, जबकि पिछले वर्ष 2023 की समान अवधि में मूल्य के हिसाब से निर्यात 1,458.66 करोड़ रुपये का हुआ था।
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