नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान मात्रा के हिसाब से ग्वार गम उत्पादों के निर्यात में 2.74 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, हालांकि मूल्य के हिसाब से इसमें 9.20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
एपीडा के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान ग्वार गम उत्पादों का निर्यात 2.74 फीसदी बढ़कर 4,17,691.00 टन का हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान इसका निर्यात केवल 4,06,531.00 टन का ही हुआ था।
मूल्य के हिसाब से वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान ग्वार गम उत्पादों का निर्यात 9.20 फीसदी घटकर 4,489.40 करोड़ रुपये का ही हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान इसका निर्यात 4,944.60 करोड़ रुपये का हुआ था।
सत्पाभर से उत्पादक मंडियों में ग्राहकी कमजोर बनी रहने से ग्वार गम एवं सीड की कीमतों पर दबाव देखा जा रहा है तथा इस दौरान ग्वार गम के दाम 100 से 200 रुपये और ग्वार सीड की कीमतों में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया है। हालांकि बिकवाली कमजोर होने से इस दौरान ग्वार चूरी के दाम मजबूत हुए हैं। उत्पादक मंडियों में ग्वार कम के दाम 10,800 से 10,900 रुपये और ग्वार सीड के भाव 5,450 से 5,550 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। पशु आहार वालों की मांग से ग्वार चूरी के दाम बढ़कर 2,950 से 3,050 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
जानकारों के अनुसार ग्वार गम और सीड की कीमतों में ज्यादा मंदे के आसार तो नहीं है, लेकिन चालू सीजन में मानसूनी बारिश देशभर में सामान्य होने का अनुमान है। भारतीय मौसम विभाग, आईएमडी के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मानसून के केरल एवं अगले 3-4 दिनों के दौरान पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल बनी हुई हैं। अत: सामान्य मानसून का असर ग्वार गम एवं सीड की कीमतों पर रहने का अनुमान है।
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