नई दिल्ली। देश को खाद्य तेल में आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास के तहत केन्द्र सरकार ने 2024-25 के सम्पूर्ण सीजन के लिए 447 लाख टन तिलहनों के रिकॉर्ड उत्पादन का लक्ष्य नियत किया है जिसमें खरीफ, रबी एवं जायद-तीनों सीजन शामिल है।
इसके तहत सबसे बड़े उत्पादक राज्यों में उत्पादन बढ़ाने पर विशेष जोर दिया जाएगा और साथ ही साथ कम उत्पादन करने वाले प्रांतों में भी किसानों को तिलहन फसलों का क्षेत्रफल बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। मालूम हो कि देश में मध्य प्रदेश सोयाबीन, गुजरात मूंगफली एवं राजस्थान सरसों का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने 2024-25 सीजन के लिए 106.45 लाख टन मूंगफली, 138 लाख टन सरसों, 158 लाख टन सोयाबीन, 25.30 लाख टन अरंडी, 11.70 लाख टन तिल तथा 4.51 लाख टन सूरजमुखी सहित कुल 447 लाख टन तिलहनों के उत्पादन का लक्ष्य नियत किया है। मूंगफली का उत्पादन लक्ष्य खरीफ सीजन के लिए 90.45 लाख टन निर्धारित हुआ है। उपरोक्त तिलहनों के अलावा देश में अलसी, नाइजरसीड, सैफ्लावर एवं कुछ अन्य तिलहन फसलों का भी थोड़ा- बहुत उत्पादन होता है। सोयाबीन एवं मूंगफली मुख्य: खरीफ कालीन तिलहन फसल है।
कृषि मंत्रालय ने इस वर्ष मध्य प्रदेश में 67 लाख टन, महाराष्ट्र में 65 लाख टन तथा राजस्थान में 12 लाख टन सोयाबीन के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है। 2023-24 सीजन के दौरान सूखा पड़ने एवं मौसम प्रतिकूल रहने से सोयाबीन का उत्पादन मध्य प्रदेश में 57.89 लाख टन से घटकर 51.29 लाख टन तथा महाराष्ट्र में 66.16 लाख टन से लुढ़ककर 52.69 लाख टन पर सिमट गया था। जहां तक सरसों का सवाल है तो उसके उत्पादन का लक्ष्य राजस्थान में 58.44 लाख टन से बढ़ाकर 63 लाख टन मध्य प्रदेश में 16.65 लाख टन से बढ़ाकर 19 लाख टन नियत किया गया है। जबकि उत्तर प्रदेश में 16.40 लाख टन निर्धारित हुआ है जो 2023-24 सीजन के कुल अनुमानित उत्पादन 17.50 लाख टन से 1.10 लाख टन कम है। मूंगफली के उत्पादन का लक्ष्य गुजरात में 43 लाख टन, राजस्थान में 16 लाख टन तथा तमिलनाडु में 9.60 लाख टन निर्धारित किया गया है।