विश्व बाजार में सप्ताहांत में खाद्वय तेलों की कीमतों में मंदा आया था। व्यापारियों के अनुसार प्रमुख पाम तेल उत्पादक देशों मलेशिया और इंडोनेशिया में आगामी दिनों में उत्पादन में बढ़ोतरी होने का अनुमान है, जिस कारण विश्व बाजार में खाद्वय तेलों की कीमतों में बड़ी तेजी के आसार कम है। ग्राहकी कमजोर होने से घरेलू बाजार में सरसों तेल की कीमतों में लगातार दूसरे दिन गिरावट दर्ज की गई, जबकि इस दौरान सरसों खल के भाव भी नरम हुए।
ब्रांडेड तेल मिलों ने सरसों की खरीद कीमतों में 25 से 50 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती की।
उत्पादक मंडियों में शनिवार को सरसों की दैनिक आवकों में गिरावट दर्ज की गई। व्यापारियों के त्योहारी सीजन के साथ ही मार्च क्लोजिंग के कारण जहां सरसों की दैनिक आवक प्रभावित हुई है, वहीं मिलें भी केवल जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रही है।
मौसम अनुकूल रहा तो सरसों की दैनिक आवक उत्पादक मंडियों में अभी बराबर बनी रहने का अनुमान है। वैसे भी चालू रबी में सरसों का उत्पादन अनुमान ज्यादा है तथा किसान माल नहीं रोक रहे हैं। दैनिक आवकों का देखते हुए तेल मिलें भी केवल जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रही हैं। हालांकि खपत का सीजन होने के कारण सरसों तेल में मांग अभी बनी रहेगी, लेकिन इसकी कीमतों में तेजी, मंदी काफी हद तक आयातित खाद्वय तेलों के दाम पर ही निर्भर करेगी।
विश्व बाजार में सप्ताहांत में जहां मलेशियाई एक्सचेंज में पाम तेल के दाम कमजोर हुए थे, वहीं इस दौरान शिकागो में भी सोया तेल की कीमतों में मंदा आया था। डालियान में सोया के साथ ही पाम तेल के दाम के दाम कमजोर हुए थे।
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी और एक्सपेलर की कीमतों में शनिवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट आई। कच्ची घानी सरसों तेल के भाव 14 रुपये कमजोर होकर दाम 1,026 रुपये प्रति 10 किलो रह गए, जबकि सरसों एक्सपेलर तेल के दाम भी 14 घटकर भाव 1,016 रुपये प्रति 10 किलो रह गए। जयपुर में शनिवार को सरसों खल की कीमतें पांच रुपये कमजोर होकर दाम 2,480 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक घटकर 11 लाख बोरियों की ही हुई, जबकि पिछले कारोबारी दिवस में आवक 14.25 बोरियों की हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में नई सरसों की 6.25 लाख बोरी, जबकि मध्य प्रदेश की मंडियों में 1.25 लाख बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में एक लाख बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 75 हजार बोरी तथा गुजरात में 40 हजार बोरी, एवं अन्य राज्यों की मंडियों में 1.35 लाख बोरियों की आवक हुई।