नई दिल्ली। त्योहारी सीजन में खाद्य पदार्थों की महंगाई को लेकर केंद्र सरकार सख्ती बरतने के मूड में है, इसके लिए जहां दलहन के आयातकों पर स्टॉक बेचने का दबाव बनाने के लिए नीति बना रही है। केंद्रीय पूल में 43.82 लाख टन दलहन का स्टॉक है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि केंद्र सरकार ने दालों की कीमतों को काबू करने के लिए बड़ा कदम उठा सकती है।
दलहन के बफर स्टॉक को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने एक लाख टन आयातित अरहर और 50,000 टन आयातित उड़द की खरीद शुरू कर दी है। वर्तमान में, केंद्र सरकार के पास पीएसएफ और पीएसएस के तहत विभिन्न दालों का 43.82 लाख टन बफर स्टॉक है। केंद्रीय पूल से राज्यों को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को 8 रुपये प्रति किलोग्राम के रियायती मूल्य पर चना का आवंटन किया जा रहा है। इसके तहत अब तक, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु की मांग के आधार पर इन राज्यों को 88,600 टन चना आवंटित किया गया है।
केंद्र सरकार ने रबी 2022 की के दौरान 2.50 लाख टन प्याज का बफर स्टॉक बनाया है ताकि कम आवक के मौसम में भी प्याज की खुदरा कीमतों को स्थिर रखा जा सके। कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने के लिए बफर स्टॉक से प्याज देना कर दिया है। केंद्रीय पूल से 14 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के विभिन्न बाजारों में 54,000 टन प्याज जारी किया जा चुका है। इसके परिणामस्वरूप पूरे साल प्याज की कीमतें स्थिर बनी रही। इसके अलावा, प्याज की खुदरा कीमतों को स्थिर रखने के लिए, भारत सरकार ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों और मदर डेयरी, सफल, एनसीसीएफ और केंद्रीय भंडार को प्याज को केंद्रीय बफर स्टॉक से 800 रुपये प्रति क्विंटल की दर से देने की पेशकश की है।
केंद्र सरकार की खाद्य पदार्थों की कीमतों की लगातार निगरानी कर रही है। मंत्रालय के अनुसार एकाध दाल को छोड़ लगभग सभी दालों की खुदरा कीमतें वर्ष की शुरुआत से ही स्थिर बनी हुई हैं। चना दाल और मसूर दाल की अखिल भारतीय औसत कीमतों में पिछले महीने की तुलना में थोड़ी गिरावट आई है, जबकि अरहर दाल, उड़द दाल और मूंग दाल की अखिल भारतीय औसत कीमतें इस अवधि में थोड़ी बढ़ी हैं।
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