नई दिल्ली। एग्री जिंसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी की लड़ाई पंजाब खोड़ गांव से शुरू की गई और इसे देश के प्रत्येक गांव तक पहुंचाया जायेगा। एमएसपी गारंटी कानून बनवाने के लिए किसानों का दिल्ली बार्डर पर स्थित पंजाब खोड़ गांव में चल रहे आंदोलन के तीसरे शनिवार को यह निर्णय लिया गया। पूरा दिन बारिश होने के बावजूद भी किसान आंदोलन स्थल पर डटे रहे।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के संयोजक वीएम सिंह ने कहा कि प्रत्येक किसान परिवार इस मुहिम का हिस्सेदार बने इसलिए गांव गांव में प्रचार कर समर्थन जुटाया जायेगा। गांव में दीवार पुताई, प्रभात फेरी, बैनर एवं पोस्टर लगाकर हर परिवार तक फसलों के एमएसपी के फायदे को बताया जाएगा। गांव की समिति अपने अपने तरीके से एमएसपी का माहौल बनाने का काम करेगी जिसका मुख्य लक्ष्य और नारा होगा "गांव गांव एमएसपी - हर घर एमएसपी"।
एमएसपी गारंटी कानून अधिवेशन में किसान संगठनों ने सामूहिक चर्चा करके आगामी कार्यक्रम की घोषणा की। कोर कमेटी के सामने आज अधिवेशन के अंतिम दिन वीएम सिंह ने कहा कि एमएसपी की लड़ाई पंजाब खोड़ गांव से शुरू की गई और देश के प्रत्येक गांव तक पहुंचाई जाएगी। उन्होंने कहा कि लगभग 200 संगठनों के बदले एकाएक 27 प्रांतों के 220 किसान संगठनों से इस अधिवेशन में एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा को समर्थन मिला।
इसी क्रम में यह तय किया गया कि ग्राम सभा का प्रस्ताव या प्रधान की चिट्ठी या गांव वालों के द्वारा चिट्ठी प्रधानमंत्री को लिखी जाएगी जिसके लिए ढाई माह का समय निर्धारित किया गया है। इसके उपरांत नए साल की शुरुआत करते हुए पहली जनवरी 2023 से ये चिट्ठियां निरंतर अंतराल पर जिला अधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को भेजी जाएंगी और नए साल के ही दिन सोशल मीडिया से शुरुआत होगी और उसी शाम ट्विटर पर गांव, गांव एमएसपी हर घर एमएसपी की मुहिम की शुरुआत होगी। जिला अधिकारी के माध्यम से भेजी गई चिट्ठियों की लाखों प्रतियां 23 मार्च 2023 को शहीद दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंपी जाएगी।
यह भी तय हुआ कि नवंबर से ही संगठनों द्वारा प्रांतीय सम्मेलन होंगे और पहले सम्मेलन की तारीख व स्थान 8 नवंबर की दिल्ली की कोर कमेटी की बैठक में तय की जाएगी और 10 दिसंबर को पंजाब में सम्मेलन होना तय किया गया। आज के अधिवेशन के तहत एमएसपी का हर प्रांतीय सम्मेलन गांव में ही किया जाएगा।
किसानों से इन प्रस्तावों को पारित कराते हुए 2 मुख्य नारे लगे "गांव गांव एमएसपी, हर घर एमएसपी और फसल हमारी भाव तुम्हारा, नहीं चलेगा नहीं चलेगा"।
इस मौके पर पूरी कोर कमेटी उपस्थित थी जिसमें प्रमुखता से राजू शेट्टी, जलपुरुष राजेंद्र सिंह, रामपाल जाट, बलराज भाटी, कोड़ीहाली चंद्रशेखर, जसकरण सिंह, छोटेलाल श्रीवास्तव, अलफोंड बर्थ आदि शामिल थे।
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