नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2022 को देशभर में सरसों का बकाया स्टॉक 34.50 लाख टन का बचा हुआ है, जोकि अगले पांच महीनों की खपत की तुलना ज्यादा है। इसीलिए हाजिर बाजार में सरसों की कीमतों पर लगातार दबाव बना हुआ है।
उद्योग के अनुसार पहली अक्टूबर 2022 को किसानों के पास सरसों का बकाया स्टॉक करीब 28.75 लाख टन का बचा हुआ है, इसके अलावा मिलर्स एवं स्टॉकिस्टों के पास करीब 5.75 लाख टन सरसों हैं। सरसों की नई फसल की आवक उत्पादक मंडियों में फरवरी के अंत में शुरू हो जाती है तथा मार्च में आवकों का दबाव बन जाता है।
सरसों की खपत सितंबर में करीब 6.50 लाख टन की ही हुई है, जोकि अगस्त के 7 लाख टन की तुलना में कम है। चालू फसल सीजन में पहली मार्च 2022 से सितंबर 2022 तक देशभर में सरसों की कुल पेराई 73.50 लाख टन की हुई है, जबकि इस दौरान मंडियों में सरसों की आवक 79.25 लाख टन की हुई है।
उद्योग के अनुसार चालू फसल सीजन में सरसों का उत्पादन 111 लाख टन का हुआ था, जबकि 73.50 लाख टन की पेराई हो चुकी है। अत: बकाया स्टॉक 34.50 लाख टन का बचा हुआ है। विश्व बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में पिछले चार, पांच महीनों से लगातार गिरावट दर्ज की गई है, जिसका असर घरेलू बाजार में सरसों की कीमतों पर भी पड़ा है।
चालू फसल सीजन में राजस्थान में सरसों का उत्पादन 51 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 15 लाख टन, पंजाब एवं हरियाणा में 11.50 लाख टन, गुजरात में 6.50 लाख टन, मध्य प्रदेश में 12.50 लाख टन और पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों में 14.50 लाख टन का उत्पादन हुआ था।
उत्पादक राज्यों में चालू महीने में सरसों की बुआई शुरू हो जायेगी, तथा सितंबर में राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के उत्पादक क्षेत्रों में हुई बारिश से खेतों में नमी भी पर्याप्त है, इसलिए सरसों की बुआई में कमी आने की आशंका भी नहीं है।
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