नई दिल्ली। स्टॉकिस्टों की सक्रियता से मंगलवार को कॉटन की कीमतों में तेजी दर्ज की गई। अहमदाबाद में शंकर 6 किस्म की कॉटन के दाम बढ़कर 69,000 से 69,500 रुपये प्रति कैंडी, एक कैंडी-356 किलो हो गए। हालांकि बढ़ी हुई कीमतों में स्पिनिंग मिलों के साथ ही बहुराष्ट्रीय कंपनियों की खरीद कमजोर हो गई, जिससे तेजी टिक नहीं पायेगी।
व्यापारियों के अनुसार आईसीई के इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग में कॉटन के भाव तेज हुए, जिस कारण घरेलू बाजार में भी स्टॉकिस्टों ने भाव बढ़ा दिए। आईसीई के इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग में दिसंबर वायदा अनुबंध में 342 सेंट की तेजी आकर भाव 87.63 सेंट हो गए, इस दौरान मार्च 2023 वायदा अनुबंध में 321 सेंट की तेजी आकर भाव 85.4 सेंट हो गए।
जानकारों के अनुसार धागे में स्थानीय एवं निर्यात मांग कमजोर है, जबकि कॉटन के निर्यात सौदों की पैरिटी भी नहीं लग रही है। इसलिए स्पिनिंग मिलें इस समय केवल जरुरत के हिसाब से ही कॉटन की खरीद कर रही है। कपास के उत्पादक राज्यों में मौसम लगभग साफ है इसलिए चालू महीने के अंत तक नई कपास की दैनिक आवक बढ़ेगी, साथ ही सूखे मालों की आवक भी ज्यादा होगी। नए मालों में नमी की मात्रा ज्यादा होने के साथ ही निर्यात में पड़ते नहीं होने के कारण बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने कॉटन की खरीद शुरू नहीं की है, इसलिए कॉटन के भाव में आई तेजी टिक नहीं पायेगी।
विश्व स्तर पर आर्थिक मंदी की आशंका के साथ ही चीन और ताइवान के बीच गतिरोध बना हुआ है, जिसका असर विश्व स्तर पर कॉटन की मांग पर पड़ने का डर है।
चालू खरीफ सीजन में 30 सितंबर तक देशभर के राज्यों में कपास की बुआई 7.51 फीसदी बढ़कर 127.50 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुआई 118.59 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई थी। अत: बुआई में हुई बढ़ोतरी से कपास का उत्पादन पिछले साल की तुलना में ज्यादा होगा। मौसम अनुकूल रहा तो देशभर की मंडियों में नवंबर में कॉटन की आवकों का दबाव बनेगा, तथा दिसंबर तक भाव में बड़ी गिरावट आने का अनुमान है।
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