नई दिल्ली, सितंबर महीने में खाद्य एवं अखाद्य तेलों के आयात में 7 फीसदी की कमी आकर कुल आयात 1,637,239 टन का हुआ है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इनका आयात 1,762,338 टन का हुआ है। सितंबर में जहां खाद्य तेलों का आयात 1,593,538 टन का हुआ है, वहीं अखाद्य तेलों का आयात 43,701 टन का हुआ।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, एसईए के अनुसार चालू तेल वर्ष नवंबर-21 से अक्टूबर-22 के पहले 11 महीनों नवंबर से सितंबर के दौरान खाद्य एवं अखाद्य तेलों के आयात में 4 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल आयात 130.1 लाख टन का हुआ है, जबकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में इनका आयात 124.7 टन का हुआ था।
एसईए के अनुसार पिछले 5 महीनों में खाद्य तेलों की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तेजी से गिरावट आई है जिसका असर घरेलू बाजार में इनकी कीमतों पर पड़ा है। इससे त्योहारी सीजन में उपभोक्ताओं को तो राहत मिली है, लेकिन खाद्य तेलों की कीमतों में आई गिरावट के कारण तिलहन के दाम भी कमजोर हुए हैं। जोकि सरकार के लिए चिंता का विषय है।
एसईए के अनुसार वायदा ट्रेडिंग और हेजिंग सुविधा के अभाव में, पाम ऑयल के आयातकों और
सोयाबीन तेल की कीमतों में पिछले 3-4 महीनों के दौरान किसानों के साथ ही व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ है। ऐसे में इनके वायदा कारोबार की अनुमति तत्काल देने की जरूरत है। वैसे भी उत्पादक राज्यों में रबी तिलहन की फसलों की बुआई आरंभ हो चुकी है।
अगस्त के मुकाबले सितंबर में घरेलू बाजार में आयातित खाद्य तेलों की कीमतें कमजोर हुई हैं। सितंबर में मुंबई बंदरगाह पर आरबीडी पामोलीन के भाव घटकर 920 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ रह गए, जबकि अगस्त में इसके भाव 1,000 डॉलर प्रति टन थे। इसी तरह से क्रूड पाम तेल के दाम घटकर मुंबई बंदरगाह पर सितंबर में 910 डॉलर प्रति टन रह गए, जबकि अगस्त में इसके भाव 1,010 डॉलर प्रति टन थे। इस दौरान सोयाबीन क्रूड पाम तेल के भाव मुंबई बंदरगाह पर अगस्त के 1,445 डॉलर प्रति टन से घटकर सितंबर में 1,344 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ के स्तर पर आ गए।
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