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21 अक्तूबर 2022

उत्पादन अनुमान ज्यादा होने से ग्वार सीड और ग्वार गम में गिरावट जारी

नई दिल्ली। चालू खरीफ में प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान में ग्वार सीड की बुआई पिछले साल की तुलना में डेढ़ गुना हुई, जिस कारण इसका उत्पादन अनुमान भी बढ़ने की उम्मीद है। यही कारण है कि ग्वार गम उत्पादों के निर्यात में बढ़ोतरी के बावजूद भी ग्वार सीड में मंदा बना हुआ है।


चालू वित्त वर्ष 2022-23 के पहले पांच महीनों में ग्वार गम उत्पादों के निर्यात में तो बढ़ोतरी हुई है, लेकिन राजस्थान एवं हरियाणा में मौसम साफ होने से उत्पादक मंडियों में ग्वार सीड की दैनिक आवक बढ़ी है, जबकि प्लांटों की मांग कमजोर बनी हुई है। इसलिए हाजिर बाजार में इसके भाव में नरमी बनी हुई है।

राजस्थान की रायसिंहनगर मंडी में बुधवार को ग्वार सीड की दैनिक आवक 1,200 क्विंटल की हुई जबकि इसके दाम घटकर 4300 से 4571 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इसी तरह से नोहर मंडी के साथ ही डूंगरगढ़ मंडी में ग्वार सीड की दैनिक आवक क्रमश: 500 और 1,000 बोरियों की हुई तथा इन मंडियों में नया ग्वार 4200 से 4625 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिका।

व्यापारियों के अनुसार प्रमुख उत्पादक राज्यों राजस्थान, हरियाणा एवं गुजरात की मंडियों में नए ग्वार सीड की दैनिक आवक बढ़कर 28 से 30 हजार बोरियों की हो रही है, जबकि पुराना ग्वार सीड भी 2500 से 3000 बोरी आ रहा है। माना जा रहा है कि दीपावली तक इसकी दैनिक आवक इसी तरह की बनी रह सकती है, लेकिन दीपावली के बाद दैनिक आवकों में और बढ़ोतरी होगी। प्लांटों के पास ग्वार गम का स्टॉक ज्यादा है, जिस कारण प्लांट सीमित मात्रा में ही खरीद कर रहे हैं। इसलिए ग्वार सीड एवं ग्वार गम की कीमतों में मंदा बना हुआ है। हालांकि स्टॉकिस्ट ग्वार गम और सीड के दाम तेज करना चाहते हैं, लेकिन अभी तेजी टिक नहीं पायेगी।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2022-23 के पहले पांच महीनों अप्रैल से अगस्त के दौरान ग्वार गम उत्पादों का निर्यात बढ़कर 1.90 लाख टन का हुआ है, जोकि मूल्य के हिसाब से करीब 2,317 करोड़ रुपये का है। इसके पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की समान अवधि में ग्वार गम उत्पादों का निर्यात 1.33 लाख टन का ही हुआ था, जोकि मूल्य के हिसाब से 1,081 करोड़ रुपये का था। 

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