नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर बनी रहने के कारण शुक्रवार को उड़द, चना एवं मूंग की कीमतों में गिरावट जारी रही, जबकि नीचे दाम पर बिकवाली कम आने अरहर में सुधार आया। मसूर के भाव इस दौरान लगभग स्थिर बने रहे।
सूत्रों के अनुसार बर्मा से आयातित लेमन अरहर के भाव चेन्नई में अक्टूबर डिलीवरी के 925 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ पर स्थिर बने रहे, जबकि उड़द एफएक्यू और एसक्यू के दाम इस दौरान क्रमश: 840 डॉलर और 980 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ के पूर्व स्तर पर स्थिर रहे।
चालू खरीफ में दलहन की बुआई लगभग पूरी हो चुकी है। मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में दालों की कुल बुआई 133.68 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 139.21 लाख हेक्टेयर से कम है।
लेमन अरहर की कीमतों में सुधार तो आया है लेकिन व्यापारी अभी इसके भाव में बड़ी तेजी में नहीं है। वैसे भी अगले महीने से बर्मा से आयातित अरहर की आवक बढ़ेगी, तथा जानकारों का मानना है कि अक्टूबर में करीब एक से सवा लाख टन आयातित अरहर भारतीय बंदरगाह पर पहुंचेगी। लेमन एवं देसी अरहर की तुलना में अफ्रीकी देशों से आयातित अरहर सस्ती है इसलिए आगे अरहर की कीमतों पर दबाव बनने के आसार है। जानकारों के अनुसार महीने की पहली तारीखों की मांग निकलने से हल्का सुधार जरूर आ सकता है।
उड़द में बर्मा से आयातित माल तो आ ही रहे हैं, साथ ही खरीफ उड़द की आवक भी मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की मंडियों बढ़ी है। इन राज्यों की मंडियों में हल्के, भारी माल ज्यादा मात्रा में आ रहे हैं, जिस कारण कीमतों में अंतर भी ज्यादा है। दक्षिण भारत के राज्यों की मांग सीमित बनी हुई है, जिस कारण उड़द की कीमतों में अभी तेजी मानकर व्यापार नहीं करना चाहिए।
नेफेड द्वारा लगातार नीचे दाम पर चना की बिकवाली करने से इसकी कीमतों पर दबाव बना हुआ है। हालांकि त्योहारी सीजन के कारण चना दाल और बेसन की मांग में सुधार आयेगा, लेकिन इसके भाव में बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है।
राजस्थान के कृषि निदेशालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू खरीफ में मूंग का उत्पादन 46 फीसदी बढ़कर 13.21 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि पिछले खरीफ सीजन में इसका उत्पादन 9.05 लाख टन का ही हुआ था। इसी तरह से उड़द का उत्पादन 64 फीसदी बढ़कर 2.55 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि पिछले खरीफ सीजन की समान अवधि में केवल 1.55 लाख टन का ही उत्पादन हुआ था।
दिल्ली में बर्मा की लेमन अरहर के भाव में 50 रुपये की तेजी आकर दाम 7475 से 7,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
चेन्नई में लेमन अरहर के भाव भी 125 तेज होकर दाम 7325 से 7350 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
मुंबई में लेमन अरहर के भाव 7275 से 7,300 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
अफ्रीकी देशों से आयातित अरहर के भाव भी स्थिर बोले गए। तंजानिया की अरुषा अरहर के भाव 5500 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। सूडान से आयातित अरहर के दाम 7700 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर बने रहे। इस दौरान मोजाम्बिक लाइन की गजरी अरहर की कीमतें 5400 से 5450 रुपये एवं मलावी से आयातित अरहर के दाम 4750 से 4800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रहे।
दिल्ली में बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू के भाव में 75-75 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 7300 से 7325 रुपये एवं 8400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
आंध्रप्रदेश लाईन की नई उड़द का दिल्ली के लिए व्यापार 7750 रुपये प्रति क्विंटल की पूर्व दर पर ही हुआ।
मुंबई में उड़द एफएक्यू की कीमतों में 50 रुपये की गिरावट आकर भाव 7150 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
दिल्ली में मध्य प्रदेश और कनाडा की मसूर की कीमतें क्रमश: 6600 रुपये एवं 6150 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
दाल मिलों की सीमित मांग से कनाडा एवं ऑस्ट्रेलिया की मसूर के भाव स्थिर बने रहे। हजिरा बंदरगाह पर कनाडा की मसूर के भाव 5950 रुपये एवं मुंद्रा बंदरगाह पर 5,925 से 5950 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इस दौरान कनाडा की मसूर की कीमतें कंटेनर में 6150 से 6175 रुपये तथा आस्ट्रेलिया की मसूर की कीमतें 6250 से 6275 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर बनी रही।
दिल्ली में चना की कीमतों में लगातार चौथे दिन कमजोर हुई। राजस्थानी चना के दाम 50 रुपये कमजोर होकर 4,800 रुपये एवं मध्य प्रदेश के भाव 25 रुपये घटकर 4725 से 4,750 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर आ गए।
दिल्ली में राजस्थान लाइन की नई मूंग के भाव 50 रुपये कमजोर होकर 7150 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
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