सप्ताह की शुरुआत में सोमवार को कटनी तुुवर कर्नाटक लाइन 6500 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम 6800 रुपये पर बंद हुआ
बीते सप्ताह के दोरान तुवर में +300 रूपये कुन्टल की मजबूती दर्ज की गई
इस बीच मोज़ाम्बीक से लगभग 2 जहाज में 55,000/60,000 टन तुवर आने से भी अनिश्चितता। महाराष्ट्र के विदर्भ में बारिश से तुुवर में मॉइस्चर अधिक आने से मिलर्स की ग्राहकी सुस्त। अमरावती, वाशिम, अकोला जिले में बारिश के कारण तुुवर का प्रेशर बनने में 7-10 दिन का समय लग सकता है अच्छी क्वालिटी की नयी तुवर नहीं मिलने से पुराने तुवर में ही मांग ठीक दिख रही इसबीच सक्रांति त्यौहार के कारण मंडियों में आवक कमजोर दर्ज की गई तुवर मे आवक का पेसर बनने पर गिरावट की संभावना अधिक, इसलिए गिरावट पर खरीदें शार्ट टर्म में उतार-चढ़ाव रह सकता है, लेकिन लम्बी अवधि के लिए तुवर मजबूत इसबीच अगले माह से बर्मा से नए लेमन तुवर की आवक आने की उम्मीद हालाकि लेमन तुवर का सौदे 6000/6200 की रेंज होने की रिपोर्ट और लेकिन देशी तुवर का आवक दबाव आने पर गिरावट की संभावना।
उड़द
सप्ताह की शुरुआत में सोमवार को चेन्नई एसक्यू 6850 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम एसक्यू 6725 रुपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह के दौरान उडद मे -50 रूपए क्विंटल की गिरावट दर्ज हुई, घरेलू मांग और बर्मा से लगातार आयात से उडद के भाव पर दबाव बर्मा से वाजिब दाम पर उड़द का आयात निरंतर बना हआ है वित वर्ष 2021-22 में दिसंबर तक बर्मा से लगभग 37 फीसदी अधिक उडद आयात हुआ है देश में भी उड़द का ठीक ठाक स्टॉक है हालांकि अधिकतर स्टॉक मीडियम और हलकी क्वालिटी का है इसबीच बर्मा से नए उड़द के सौदे भी फरवरी शिपमेंट के शरू होने से भाव पर दबाव है बर्मा में 2022 वर्ष में उड़द उत्पादन 7-8 लाख टन रहने का अनुमान है जानकार का मानना है की चूँकि OGL के तहत 2022 जून अंत तक आयात की अनुमति है बिल ऑफ़ लैडिंग मार्च अंत तक होना अनिवार्य तो बर्मा अधिक से अधिक उड़द बेचने की जल्दबाजी कर सकता है बर्मा से उड़द की बिकवाली का दबाव आगे जारी रहने की उम्मीद इसलिए उड़द में सिमित कारोबार की सलाह रहेगी।
मूँग
सप्ताह की शुरुआत में सोमवार को दिल्ली बेस्ट मूंग 6800 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम 6750 रुपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह के दौरान मूँग -50 रूपये क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई, ऊपर भाव में मूंग दाल में कमजोर मांग की वजह से भाव पर दबाव देखा गया हालांकि देश में मूंग का स्टॉक काफी है और विदेशों से पड़ता नहीं इस समय देश में सबसे अधिक मूंग का मध्य प्रदेश सरकार के पास है हालांकि मध्य प्रदेश सरकार ने उस मूंग को 7400 के निचे नहीं बेचने का निर्णय लिया है दो सप्ताह के बाद मूंग के बोआई की बात करें देश में रबी मूंग का क्षेत्रफल बहुत कमजोर है मौसम के मार की डर से किसान मूंग बोआई में अधिक रूचि नहीं ले रहे कमजोर बोआई और सिमित स्टॉक को देखते हुए मूंग के दाम स्थिर या मजबूत रहने की संभावना अधिक हे। मंग में खरीदी कर व्यापार करने में फिलहाल अधिक ख़तरा नजर नहीं आता दिल्ली मुंग राजस्थान जब तक 6500 के निचे नहीं जाता मजबूती का रुख बना रहेगा।
मसूर
सप्ताह की शुरुआत में सोमवार को कटनी मसूर-7700 रुपये पर खुला था ओर शनिवार 7650 रुपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह के दोरान मसूर मे -50 रूपये क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई, मसूर में पिछले सप्ताह मिलाजुला कारोबार दर्ज किया गया हालांकि अधिकतर बाजार में मजबूती भी देखा गया मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बारिश से सेंटीमेंट को कुछ सपोर्ट मिला विदेशों में मसूर महंगा होने से आयात की रफ़्तार सुस्त है मसूर और मसूर दाल में ग्राहकी की बात करें तो औसत है लेकिन कमजोर स्टॉक और सुस्त आयात से भाव में सकारात्मक चाल। मसूर के दाम उँचे है और अगले माह के अंत से नया फसल आना शुरू होगा यदि फसल का उतारा अच्छा रहा तो आगे भाव पर दबाव दिखना शुरू हो सकता है मसूर में जब तक घरेलू उत्पादन की तस्वीर साफ़ नहीं होती सिमित कारोबार की सलाह।
चना
सप्ताह की शुरुआत में सोमवार को दिल्ली राजस्थान लाइन 5150/75 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम 5175/5200 रुपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह दोरान चना में +25 रूपये प्रति क्विंटल की मजबूती दर्ज की गई, चना में सुधार तिसरे सप्ताह भी रहा जारी अच्छी क्वालिटी चना का स्टॉक कमजोर चना दाल और बेसन में मांग फिलहाल औसत है मंडियों में चना की आवक अब काफी कमजोर है लगभग 75% क्वालिटी हलकी या मीडियम या डंकी की आ रहा देश में चना की बिजाई पूरी हो चुकी है और अगले माह से छिटपुट चना दक्षिण भारत में दिखना शुरू हो जायेगा दिसबर और जनवरी की बारिश से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में चना को कही कही नुकसान की रिपोर्ट मिल रही एकाध दिन बारिश होती है तो चना को फायदा होता है लेकिन 3/4 दिन बारिश चना के लिए अच्छा नहीं होता इसबीच महाराष्ट्र में हाल फिलहान की बारिश में चना को नुकसान की रिपोर्ट मिल रही है हालांकि यह नुकसान अभी काफी छोटी मात्रा में है और अभी आगे का मौसम काफी महत्वपूर्ण होगा। कृषि विभाग के अनुसार चना की बिजाई बडी लेकिन हम मानते है की बोआई 10/15% कम होगा हमारे कुछ विशेषज मित्रों के अनुसार चना की फसब पिछले वर्ष से 15% कमजोर रह सकती चना अपने बॉटम के आसपास है इसलिए मंदी अधिक नहीं दिखती नाफेड के पास भी अब चना का बड़ा स्टॉक नहीं होने की उम्मीद जो बाजार को सपोर्ट दे सकता है दिल्ली चना राजस्थान जब तक 4900 के ऊपर है सुधार की उम्मीद बनी रहेगी।
17 जनवरी 2022
दलहन पर साप्ताहिक रिपोर्ट
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