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21 जनवरी 2022

कॉटन के आरंभिक अनुमान में 12 लाख गांठ की कटौती की, आयात भी बढ़ेगा - उद्योग

नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2021 से शुरू हुए चालू फसल सीजन 2021-22 में देश में कॉटन का उत्पादन घटकर 348.13 लाख गांठ, एक गांठ-170 किलो ही होने का अनुमान है, जबकि उद्योग ने आरंभ में 360.13 लाख गांठ के उत्पादन का अनुमान जारी किया था।

कॉटन एसोसिएशन आफ इंडिया, सीएआई के अनुसार कॉटन के आरंभिक अनुमान में 12 लाख गांठ की कमी आने का अनुमान है। पंजाब में जहां आरंभिक अनुमान में एक लाख गांठ, हरियाणा में 50 हजार गांठ, ऊपरी और लोअर राजस्थान में 50 हजार गांठ, गुजरात में पांच लाख गांठ, तेलंगाना और कर्नाटक में क्रमश: दो-दो लाख गांठ तथा ओडिशा में एक लाख गांठ कम होने का अनुमान है।

सीएआई के अनुसार उत्तर भारत के पंजाब में कॉटन का उत्पादन 9.07 लाख गांठ, हरियाणा में 16.10 लाख गांठ और ऊपरी और लोअर राजस्थान में क्रमश: 14.34 और 11.83 लाख गांठ होने का अनुमान है। इसके अलावा गुजरात में 91.99 लाख गांठ, महाराष्ट्र में 86.46 लाख गांठ, मध्य प्रदेश में 20.50 लाख गांठ, तेलंगाना में 43.91 लाख गांठ, आंध्रप्रदेश में 14.30 लाख गांठ के अलावा कर्नाटक में 23.55 लाख गांठ तथा तमिलनाडु में 10 लाख गांठ एवं ओडिशा में 3.08 लाख गांठ तथा अन्य राज्यों में 3 लाख गांठ के उत्पादन होने का अनुमान है।

सीएआई ने कॉटन के आयात अनुमान को पांच लाख गांठ बढ़ाकर 15 लाख गांठ कर दिया है, जबकि 31 दिसंबर तक भारतीय बंदरगाह पर करीब तीन गांठ आयातित कॉटन आ चुकी है। कॉटन निर्यात का लक्ष्य 48 लाख गांठ का ही होने अनुमान है तथा दिसंबर अंत तक 18.50 लाख गांठ की शिपमेंट भी हो चुकी हैं।

सीआई के अनुसार चालू सीजन में पहली अक्टूबर 2021 से अभी तक 140.52 गांठ की आवक उत्पादक मंडियों में हो चुकी है, जोकि पिछले साल की तुलना में कम है।

मिलों के पास दिसंबर अंत में करीब 65 लाख गांठ का बकाया स्टॉक है, जोकि मिलों की करीब 68 दिनों की खपत के बराबर है। इसके अलावा कॉटन कारर्पोरशन आफ इंडिया, सीसीआई, महाराष्ट्र फैडरेशन, एमएनसी, जिनर्स, व्यापारी और एमसीएक्स के पास भी करीब 48.77 लाख गांठ का बकाया स्टॉक है।

कपड़ा मंत्रालय ने कॉटन पर 17 जनवरी को होने वाली बैठक को 31 जनवरी तक टाल दिया है। सूत्रों के अनुसार कपड़ा मंत्रालय के अधिकारियों ने वित्त मंत्रालय के अधिकारियों को आयात शुल्क कम करने की आवश्यकता पर जो तर्क पेश किए, वित्त मंत्रालय के अधिकारी इससे संतुष्ट नहीं हो पाए। जानकारों के अनुसार कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं इसलिए इस बैठक को स्थगित किया है क्योंकि सरकार चुनाव के समय में कपास के आयात शुल्क में कटौती करके किसानों को नाराज नहीं करना चाहती।

आईसीई कॉटन वायदा में आज इलेक्ट्रोनिक ट्रेडिंग में भाव सुधरे हैं, इसलिए हाजिर बाजार में भी मिलों की मांग में कॉटन की कीमतों में सुधार तो आया है लेकिन जब तक यार्न की कीमतों में तेजी नहीं आयेगी, तब तक घरेलू बाजार में कॉटन की कीमतों में बड़ी तेजी के आसार नहीं है। जानकारों के अनुसार उत्पादक मंडियों में हल्की क्वालिटी के मालों की आवक ज्यादा हो रही है, जबकि बड़ी कंपनियों की मांग अच्छी क्वालिटी की कॉटन में ज्यादा है। इस लिए घरेलू बाजार में अभी कॉटन की कीमतों में सीमित तेजी, मंदी बनी रहने का अनुमान है।

गुजरात की मंडियों में मंगलवार को ए ग्रेड कॉटन के दाम 73,500 से 74,000 रुपये, बी ग्रेड किस्म की कॉटन के भाव 73,000 से 73,500 रुपये और एवरेज ग्रेड की कॉटन के भाव 72,000 से 73,300 रुपये प्रति कैंडी, एक कैंडी-356 किलो क्वालिटीनुसार बोले गए।

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