06 मार्च 2013
आवक के प्रेशर से गलने लगे आलू
बाजार में आलू की नई फसल आने लगी है और उसका रिकॉर्ड उत्पादन होने की बात कही जा रही है, जिससे आलू के भााव गिरने लगे हैं। माना जा रहा है कि सटोरिये 2011 की तरह आलू को एकदम जमीन पर ला सकते हैं। लेकिन आलू के बड़े कारोबारी मान रहे हैं कि सरकार आलू की कीमत ज्यादा नहीं गिरने देगी।
बहरहाल महीने भर में आलू के हाजिर भााव 300 रुपये प्रति क्विंटल तक घट चुके हैं। आगरा मंडी में आलू 350 से 850 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है, जहां महीना भर पहले उसके भाव 900 से 1,200 रुपये प्रति क्विंटल थे। मुंबई की थोक मंडी में भी आलू का भाव 1,350 रुपये से घटकर 950 रुपये प्रति क्विंटल रह गया है। हाजिर बाजार में गिरावट का असर वायदा बाजार पर भी दिख रहा है। एमसीएक्स में आलू अप्रैल वायदा एक महीना पहले 881 रुपये प्रति क्विंटल था, जो अब 750 रुपये प्रति क्विंटल ही रह गया है। आलू का खुदरा भाव भी एक महीने में 26 से घटकर 15-16 रुपये प्रति किलोग्राम ही रह गया है।
कानपुर के आलू कारोबारी संतोष केसरवानी कहते हैं कि अभी तो आलू 300 से 400 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है, लेकिन होली के आसपास यह लुढ़ककर 200 से 250 रुपये प्रति क्विंटल रह सकता है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में इस बार आलू ज्यादा हुआ है और दूसरे राज्यों में भी पैदावार बढऩे से वहां से कम मांग आएगी। इसीलिए आलू 2011 के स्तर तक गिर सकते हैं। उस वक्त किसानों को 50 रुपये प्रति क्विंटल पर आलू बेचने पड़े थे।
कारोबारियों के मुताबिक सटोरिये बाजार पर हावी हैं। पश्चिम बंगाल में आलू भंडारण की समस्या को वे हवा दे रहे हैं। वहां शीत भंडारगृह के किराये तय नहीं हो सके हैं। पश्चिम बंगाल शीत भंडारगृह संगठन की शिकायत है कि फरवरी से अक्टूबर तक आलू भंडारण पर 150 रुपये प्रति क्विंटल की लागत आती है, लेकिन उन्हें केवल 101 रुपये दिए जा रहे हैं। डीजल, मजदूरी और बिजली महंगी होने के कारण किराया बढ़ाना लाजिमी है, लेकिन सरकार ऐसा नहीं करने दे रही है।
इस साल सर्दी का मौसम लंबा चलने के कारण आलू का उत्पादन 12 से 15 फीसदी प्रति हेक्टेयर बढ़ गया है। उत्तर प्रदेश में इस साल उत्पादन बढ़कर 150 लाख टन होने की उम्मीद है, जो पिछली बार 135 लाख टन के करीब ही था। पश्चिम बंगाल में आलू का उत्पादन बढ़कर 95 लाख टन होने की उम्मीद है। इस साल देश में कुल 320 से 330 लाख टन आलू उत्पादन होने का अनुमान है, जो पिछले साल से 12 फीसदी ज्यादा है। (BS Hindi)
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