07 मार्च 2013
पूसा पंजाब-1509 बासमती जल्दी पककर तैयार होगा
आईएआरआई की नई किस्म से मिलेगी 41 टन प्रति हैक्टेयर की पैदावार
पूसा पंजाब-1509 बासमती चावल की नई किस्म से किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के निदेशक डॉ. एच एस गुप्ता ने बताया कि पूसा पंजाब-1,509 बासमती चावल की नई किस्म 120 दिन में पककर तैयार होगी जिससे चार से पांच सिंचाई की बचत होगी। इसका प्रति हैक्टेयर औसत उत्पादन 41 टन रहेगा।
उन्होंने बताया कि बासमती चावल की सामान्य किस्मों के मुकाबले पूसा पंजाब-1509 किस्म 120 दिन में तैयार होती है। सामान्य बासमती चावल की किस्में 160 से 165 दिन में तैयार होती है। इसीलिए इसमें कम सिंचाई की आवश्यकता होती है, साथ ही इसका पौधा सामान्य बासमती चावल की तुलना में छोटा होता है। खरीफ में किसानों को इसका बीज उपलब्ध कराया जाएगा।
उन्होंने बताया कि हरित क्रांति में प्रमुख योगदान देने वाले राज्यों पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानों को फसल विविधीकरण पर जोर देना चाहिए। वित्त वर्ष 2013-14 के आम बजट में सरकार ने विविधीकरण के लिए 500 करोड़ रुपये का भी आवंटन किया है। इन राज्यों में दलहन, तिलहन और सब्जियों की खेती करके किसान ज्यादा आमदनी ले सकते हैं।
उन्होंने बताया कि 6 से 8 मार्च को आईएआरआई में आयोजित होने वाले कृषि विज्ञान मेले में छोटी जोत वाले किसानों की आय बढ़ाने की तकनीक पर जोर दिया जाएगा।
किसान अपने उत्पादों की प्रोसेसिंग, ग्रेडिंग और पैकिंग करके बाजार में बेचें तो उनकी आय में कई गुना बढ़ोतरी हो सकती है। बीज, खाद और डीजल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी से किसानों की लागत बढ़ रही है, इससे निपटने के लिए किसानों को ज्यादा आय वाली फसलों की बुवाई करनी चाहिए।
अनुसंधान, शिक्षा एवं नवोन्मेषी प्रसार कार्यक्रमों के माध्यम से संस्थान, खाद्य सुरक्षा की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए प्रयासरत हैं। मेले में देशभर के एक लाख से ज्यादा किसानों के भाग लेने की संभावना है। (Business Bhaskar)
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