08 मार्च 2013
प्राइवेट निर्यातकों को 50 लाख टन गेहूं निर्यात की अनुमति
शर्त - पंजाब में सरकार कम से कम 1,480 रुपये प्रति क्विंटल पर देगी गेहूं
विपरीत गणित
बंदरगाह पर गेहूं की लागत 1705 रुपये प्रति क्विंटल पडऩे का अनुमान
पीईसी को गेहूं निर्यात की ताजा बिड 303.40 डॉलर प्रति टन की मिली
इसे बैंचमार्क मानें तो निर्यात भाव 1,636 रुपये प्रति क्विंटल बैठेगा
पिछले कुछ समय से अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगातार घट रहे हैं भाव
सरकारी गोदामों से खाद्यान्न के स्टॉक हल्का करने के लिए सरकार ने 1,480 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम दाम तय करके केंद्रीय पूल से प्राइवेट निर्यातकों को 50 लाख टन गेहूं के निर्यात की अनुमति दे दी। हालांकि विश्व बाजार में गेहूं की कीमतों में आई गिरावट से प्राइवेट निर्यातकों को इस भाव पर शायद कोई फायदा नहीं मिल पाएगा। इस वजह से उनकी दिलचस्पी रहने के बारे में संशय है।
केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार की अध्यक्षता में गठित उच्च अधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह (ईजीओएम) की गुरुवार को हुई बैठक में प्राइवेट निर्यातकों को केंद्रीय पूल से 50 लाख टन गेहूं के निर्यात की अनुमति दी गई।
बैठक के बाद खाद्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रो. के वी थॉमस ने संवाददाताओं को बताया कि प्राइवेट निर्यातक पंजाब स्थित भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदामों से 1,480 रुपये प्रति क्विंटल की न्यूनतम दर से गेहूं खरीद के लिए निविदा भर सकेंगे। निर्यातकों को पंजाब स्थित एफसीआई के गोदामों से बंदरगाह पहुंच तक परिवहन लागत और अन्य खर्च स्वयं वहन करने पड़ेंगे।
प्राइवेट निर्यातकों को विपणन सीजन 2011-12 का गेहूं दिया जाएगा।
गेहूं की निर्यातक फर्म प्रवीन कॉमर्शियल कंपनी के प्रबंधक नवीन गुप्ता ने बताया कि विश्व बाजार में गेहूं के दाम घट रहे हैं जबकि सरकार ने निविदा भरने का न्यूनतम दाम ऊंचा तय किया है।
उन्होंने बताया कि पंजाब के गोदामों से 1,480 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदने के बाद कांडला बंदरगाह पहुंच 150 रुपये प्रति क्विंटल की परिवहन लागत और 75 रुपये प्रति क्विंटल का बंदरगाह पर खर्च (लोडिंग, स्टोरेज और अन्य खर्च) को मिलाकर भाव 1,705 रुपये प्रति क्विंटल हो जाएगा।
पीईसी को छह मार्च को गेहूं निर्यात के लिए 303.40 डॉलर प्रति टन की ऊंची बोली प्राप्त हुई है जिसके आधार पर गेहूं का भाव करीब 1,636 रुपये प्रति क्विंटल है।
ऐसे में प्राइवेट निर्यातकों को निर्यात पड़ते लगने की संभावना कम ही है। नवंबर महीने में पीईसी को गेहूं निर्यात के लिए 328 डॉलर प्रति टन की बोली प्राप्त हुई थी। केंद्रीय पूल से सार्वजनिक कपंनियों पीईसी, एमएमटीसी और एसटीसी को सरकार पहले ही 45 लाख टन गेहूं के निर्यात की अनुमति दे चुकी है।
पहली फरवरी को केंद्रीय पूल में 308.09 लाख टन गेहूं का स्टॉक जमा है जबकि पहली अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू हो जाएगी। रबी विपणन सीजन 2013-14 में सरकार ने 440 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य तय किया है। ऐसे में खरीदे जाने वाले गेहूं के भंडारण में सरकार को काफी जद्दोजहद करनी पड़ सकती है। (Business Bhaskar.....R S Rana)
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