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22 मार्च 2013

मंत्रिमंडल करेगा सरकारी कपास बेचने पर फैसला

आर एस राणा नई दिल्ली | Mar 22, 2013, 00:30AM IST कवायद - कपास की कीमतों में आई तेजी पर रोक लगाना मकसद पैदावार में गिरावट कृषि मंत्रालय के अनुसार कपास की पैदावार 338 लाख गांठ होने का अनुमान है पिछले साल पैदावार 352 लाख गांठ की हुई थी चालू फसल सीजन में अभी तक हो चुका है 80 लाख गांठ का निर्यात सीसीआई द्वारा चालू सीजन में 23 लाख गांठ कपास की गई है खरीद खुले बाजार में सरकारी कपास की बिक्री पर फैसला अब केंद्रीय मंत्रिमंडल को करना है। इसके लिए जल्द ही कैबिनेट नोट तैयार किया जायेगा। घरेलू बाजार में कपास की कीमतों में आई तेजी पर लगाम लगाने के लिए सरकार यह कदम उठाने जा रही है। कपड़ा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार कॉटन कारपोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) द्वारा खरीदी गई कपास की खुले बाजार में बिक्री पर फैसला केंद्रीय मंत्रिमंडल को करना है। उन्होंने बताया कि इसके लिए जल्द ही कैबिनेट नोट तैयार किया जायेगा तथा उम्मीद है अप्रैल के पहले सप्ताह में इस पर फैसला हो जायेगा। उन्होंने बताया कि सरकारी एजेंसियों के पास कुल पैदावार का केवल 6 फीसदी कपास का स्टॉक है इसलिए यह कहना गलत है कि सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीद करने से कपास की कीमतों में तेजी आई है। सीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार चालू कपास सीजन में निगम ने 23 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) कपास की खरीद की है। सरकारी कपास की बिक्री शुरू होने की आशंका के कारण ही सप्ताहभर में उत्पादक राज्यों में कपास की कीमतों में 500 रुपये कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) की गिरावट आई है। अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कपास का दाम पिछले सप्ताह बढ़कर 39,500 से 40,000 रुपये प्रति कैंडी हो गया था जबकि गुरुवार को दाम घटकर 39,200 से 39,500 रुपये प्रति कैंडी रह गया। हालांकि ऊंचे भाव में मांग घटने से विदेशी बाजार में भी कपास की कीमतों में मंदा आया है। न्यूयार्क बोर्ड ऑफ ट्रेड में मई महीने के वायदा अनुबंध में कॉटन की कीमतें 15 मार्च को बढ़कर 92.50 सेंट प्रति पाउंड पर बंद हुई थी जबकि 20 मार्च को इसका भाव घटकर 89.10 सेंट प्रति पाउंड पर बंद हुआ। चालू सीजन में अक्टूबर से अभी तक करीब 80 लाख गांठ कपास का निर्यात हो चुका है। के सी टी एंड एसोसिएट के मैनेजिंग डायरेक्टर राकेश राठी ने बताया कि उत्पादक मंडियों में कपास की दैनिक आवक पहले की तुलना में कम हो गई है। कीमतों में आई तेजी से स्टॉकिस्टों की बिक्री भी कम हुई है। उत्तर भारत के राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में दैनिक आवक घटकर 14,000 (एक गांठ-170 किलो), गुजरात में 34,000 गांठ और महाराष्ट्र में 22,000 गांठ की रह गई है। कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार वर्ष 2012-13 में देश में 338 लाख गांठ कॉटन का उत्पादन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 352 लाख गांठ कपास का उत्पादन हुआ था। (Business Bhaskar....R S Rana)

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