नई दिल्ली। धान की सरकारी खरीद धीमी गति से होने के चलते पंजाब के किसानों ने राज्य में चक्का जाम करने का फैसला किया है। किसान यूनियनों ने गुरुवार को कड़ा फैसला लेते हुए कहां कि 26 अक्टूबर, दोपहर 1 बजे से सारे पंजाब में चक्का जाम किया जाएगा।
किसान यूनियनों के अनुसार एक महीने से किसान सरकार ने प्रार्थना कर रहे हैं, कि धान की सरकारी खरीद एवं उठाव में तेजी लाई जाए। किसान के धान की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर की जाए, तथा खरीद के समय जो कटौती की जा रही है, उसे बंद किया जाए। किसानों के अनुसार राज्य की अधिकांश मंडियां धान से भरी हुई हैं, तथा मिल मालिक धान का उठाव नहीं कर रहे हैं। राज्य सरकार भी नींद में है। अत: धान की सरकारी खरीद में देरी के कारण किसानों को कटाई रोकनी पड़ी है। इससे जहां गेहूं की बुवाई में देरी होगी, वहीं किसान को पराली प्रबंधन के लिए समय नहीं मिल पायेगा।
सेंट्रल फूड ग्रेन प्रोक्योरमेंट पोर्टल के अनुसार 24 अक्टूबर तक पंजाब की मंडियों में 30,07,937.77 टन धान की खरीद एमएसपी पर की गई है। पंजाब के खाद्य मंत्री लाल चंद कटारूचक ने 23 अक्टूबर को कहा था कि चालू खरीफ विपणन सीजन में अब तक 10 लाख टन धान का उठाव किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में धान का उठाव सुचारू रूप से चल रहा है। उन्होंने बताया कि 5,683 करोड़ रुपये की राशि पहले ही किसानों के खातों में सीधे ट्रांसफर की जा चुकी है।
सूत्रों के अनुसार चालू खरीफ विपणन सीजन 2024-25 में अभी तक हरियाणा की मंडियों में 39,66,050 टन धान की आवक हुई है, जिसमें से 36,69,146 टन धान की खरीद एमएसपी पर की गई है। हरियाणा में अभी तक किसानों के खाते में 5,337 करोड़ रुपये जमा कराए गए हैं। हरियाणा की मंडियों से भी धान का उठाव धीमी गति से रहा है। सरकारी खरीद में देरी के साथ ही उठाव नहीं होने के कारण 23 अक्टूबर को राजौंद अनाज मंडी में किसानों ने गेट पर ताला जड़ कर असंध-कैथल रोड पर जाम लगाया था।
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