नई दिल्ली। रबी विपणन सीजन 2024-25 में मार्च से सितंबर अंत तक देशभर की मंडियों में 90 लाख टन सरसों की आवक हो चुकी है, जिसमें से 74 लाख टन की क्रॉसिंग हुई है। अत: पहली अक्टूबर को मिलर्स एवं किसानों के साथ ही सरकारी एजेंसियों को मिलाकर कुल 46 लाख टन सरसों का बकाया स्टॉक बचा हुआ है।
उद्योग के अनुसार मार्च 24 से सितंबर 24 के अंत तक देशभर की मंडियों में 90 लाख टन सरसों की आवक हुई है। सीजन के पहले दो महीनों मार्च एवं अप्रैल में आवक क्रमश: 15.50 एवं 15 लाख टन की हुई थी, जबकि मई में 11 लाख टन तथा जून और जुलाई में क्रमश: 9 एवं 8 लाख टन के अलावा अगस्त एवं सितंबर में क्रमश: 6 तथा 5 लाख टन की आवक हुई।
मार्च 24 से सितंबर 24 के अंत तक 74 लाख टन सरसों की क्रॉसिंग हो चुकी है अत: तेल मिलों के साथ स्टॉकिस्टों के पास पहली अक्टूबर को 6 लाख टन सरसों का बकाया स्टॉक बचा हुआ है। इसके अलावा किसानों के पास करीब 18 लाख टन का स्टॉक है, जबकि नेफेड एवं हेफैड के पास नया एवं पुराना मिलाकर करीब 22 लाख टन सरसों का स्टॉक है। अत: देशभर में 46 लाख टन सरसों का स्टॉक बचा हुआ है जबकि नई फसल की आवक फरवरी, मार्च में बनेगी।
नेफेड के साथ ही हेफैड ने चालू रबी विपणन सीजन में न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर 20 लाख टन सरसों की खरीद की थी, जबकि इनके पास 7.50 लाख टन का पुराना स्टॉक बचा हुआ है। इन्होंने 5.50 लाख टन सरसों की बिक्री की है, अत: 22 लाख टन सरसों का स्टॉक केंद्रीय पूल में है।
उद्योग ने सितंबर में सरसों के उत्पादन अनुमान को घटाकर 115 लाख टन कर दिया था, जबकि सीजन के आरंभ में मार्च मध्य में 123 लाख टन के उत्पादन का अनुमान जारी किया था।
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