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09 अक्टूबर 2023

आयातित खाद्य तेल सस्ते होने से कॉटन वॉश की कीमतों में मंदा, बिनौले में मिलाजुला रुख

नई दिल्ली। आयातित खाद्वय तेलों के दाम सस्ते होने के साथ ही वनस्पति घी निर्माताओं की मांग कमजोर होने से गुरुवार को कॉटन वॉश की कीमतों में मंदा आया, जबकि इस दौरान बिनौला के भाव मिलाजुला रुख रहा। कपास खली की कीमतें स्थिर बनी रही।


व्यापारियों के अनुसार आगामी दिनों में आपूर्ति बढ़ने से कॉटन वॉश की उपलब्धता बढ़ेगी, जबकि सबसे बड़े आयातक भारत और चीन मांग कमजोर बनी हुई है। इसलिए विश्व बाजार में अभी खाद्वय तेलों की कीमतों में बड़ी तेजी के आसार नहीं है।

विदेशी बाजार में खाद्वय तेलों की कीमतों में गिरावट का रुख रहा, अत: घरेलू बाजार में कॉटन वॉश की कीमतों में मंदा आया। अकोला में कॉटन वॉश के दाम 10 रुपये कमजोर होकर भाव 785 रुपये प्रति 10 किलो रह गए। इस दौरान धुले में कॉटन वॉश के दाम 20 रुपये घटकर 785 रुपये प्रति 10 किलो रह गए। जालना में कॉटन वॉश की कीमतें कमजोर होकर 775 रुपये प्रति दस किलो के स्तर पर आ गई।

मलेशियाई पाम तेल की कीमतों में 2.8 फीसदी की गिरावट आई, साथ ही शिकागो में भी सोया तेल की कीमतें कमजोर हुई। कपास की दैनिक आवक उत्पादक मंडियों में लगातार बढ़ रही है, जिससे कॉटन वॉश की उपलब्धता आगे और बढ़ेगी। विश्व बाजार में खाद्वय तेलों की कीमतों में अभी बड़ी तेजी के आसार कम है इसलिए इसकी कीमतों में हल्का सुधार तो आ सकता है, लेकिन ज्यादा तेजी की संभावना नहीं है।

तेल मिलों की ग्राहकी सीमित बनी रहने से बिनौले के भाव में उत्तर भारत के राज्यों में मिलाजुला रुख रहा। हरियाणा में बिनौले के भाव 3050 से 3150 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इस दौरान श्रीगंगानगर लाइन में बिनौला के भाव 50 रुपये बढ़कर 3250 से 3450 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। बिनौला के दाम पंजाब में 50 रुपये नरम होकर 3100 से 3200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

तेल मिलों की सीमित मांग के कारण बिनौला की कीमतों में उत्तर भारत में मिलाजुला रुख रहा। भारत के साथ ही चीन की आयात मांग कमजोर होने के कारण विश्व बाजार में खाद्वय तेलों की कीमतों में अभी बड़ी तेजी के आसार नहीं है। वैसे भी आगामी दिनों में घरेलू मंडियों में नई कपास की आवक बढ़ने से बिनौला की उपलब्धता बढ़ेगी। आयात ज्यादा होने से घरेलू बाजार में खाद्वय तेलों का बकाया स्टॉक ज्यादा है। इसलिए बिनौला की मौजूदा कीमतों में अभी बड़ी तेजी के आसार नहीं है।

ग्राहकी सीमित बनी रहने से कपास खली की कीमतें स्थिर बनी रही। पिंपलगाव में कपास खली की कीमतें 2900 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गई। इस दौरान जितुंर में पतली कपास खली के दाम 2900 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। मोरबी में शुगर बारदाने में कपास खली के दाम 1620 रुपये प्रति 50 किलो पर स्थिर हो गए।

तेल मिलों की बिक्री नीचे दाम पर कम आने से कपास खली की कीमतें गुरुवार को स्थिर हो गई। व्यापारियों के अनुसार नीचे दाम पर तेल मिलों को पड़ते नहीं लग रहे हैं, इसलिए बिकवाली तो कमजोर है, लेकिन बढ़े दाम पर खपत राज्यों की मांग भी सीमित बनी हुई है। ऐसे में इसके भाव में अभी बड़ी तेजी के आसार नहीं है। उत्पादक राज्यों में मौसम साफ है, इसलिए आगामी दिनों बिनौला की उपलब्धता बढ़ेगी, जिससे कपास खली का उत्पादन बढ़ेगा।

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