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27 अक्तूबर 2023

नवंबर में नई फसल की आवक बनने की संभावना से कैस्टर सीड की कीमतों पर दबाव

नई दिल्ली। उत्तर गुजरात के साथ ही कच्छ में कैस्टर सीड की अगेती बुआई थी, ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि अगेती फसल की आवक दीपावली बाद शुरू हो जायेगी, तथा नवंबर के अंत एवं दिसंबर में आवकों में बढ़ोतरी होगी। साथ ही उत्पादक मंडियों में कैस्टर सीड का बकाया स्टॉक भी ज्यादा माना जा रहा है। इसलिए कीमतों पर दबाव बना हुआ है।

राजकोट में गुरुवार को कैस्टर सीड के भाव 20 रुपये कमजोर होकर दाम 1,185 से 1,200 रुपये प्रति 20 किलो रह गए। इस दौरान गोंडल मार्केट में इसके दाम 10 रुपये कमजोर होकर भाव 1,125 से 1,160 रुपये, जूनागढ़ में 20 रुपये कमजोर होकर 1,110 से 1,130 रुपये और  जामनगर में इसके भाव घटकर 1,120 से 1,140 रुपये प्रति 20 किलो रह गए।

राजकोट में कैस्टर तेल के दाम कमर्शियल के 10 रुपये कमजोर होकर भाव 1,210 रुपये तथा राजकोट में एफएसजी के भाव 10 रुपये नरम होकर 1,230 रुपये प्रति 10 किलो रह गए।

व्यापारियों के अनुसार गुजरात के साथ ही राजस्थान को मिलाकर कैस्टर सीड की दैनिक आवक 45 से 50 हजार बोरी, एक बोरी 35 किलो की आवक हो रही है। उत्पादक राज्यों में किसानों के साथ ही स्टॉकिस्टों के पास कैस्टर सीड का बकाया स्टॉक भी पिछले साल की तुलना में ज्यादा माना जा रहा है कि जबकि दीपावली के बाद नई फसल की शुरूआती आवक बनेगी तथा दिसंबर में आवकों में बढ़ोतरी होगी।

साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, एसईए के अनुसार सितंबर में कैस्टर तेल का निर्यात बढ़कर 43,258 टन का हुआ है, जबकि पिछले साल सितंबर में इसका निर्यात केवल 34,042 टन का ही हुआ था। जानकारों के अनुसार पिछले तीन महीनों अगस्त से सितंबर के दौरान कैस्टर तेल के निर्यात में बढ़ोतरी हुई है। चालू वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में कैस्टर तेल का निर्यात बढ़कर 3,16,653 टन का हुआ है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की छमाही में इसका निर्यात केवल 3,14,732 टन का ही हुआ था।

चालू खरीफ सीजन में कैस्टर सीड की बुआई 9.52 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 9.31 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है।


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