नई
दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर बनी रहने के कारण शुक्रवार को अरहर
के साथ ही उड़द की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि मसूर के भाव में
सुधार आया। दालों में थोक के साथ ही खुदरा में ग्राहकी कमजोर है साथ ही
कीमतों में आई गिरावट से जहां स्टॉकिस्ट घबराहटपूर्ण बिकवाली कर रहे हैं,
वहीं मिलर्स केवल जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रहे हैं।
व्यापारियों
के अनुसार बर्मा से अरहर और उड़द के मौजूदा भाव में आयात पड़ते नहीं लग
रहे हैं, लेकिन उत्पादक मंडियों में देसी अरहर और उड़द में नीचे दाम पर
व्यापार हो रही है। इसीलिए आयातित उड़द एवं अरहर की कीमतों पर दबाव बना हुआ
है।
चालू रबी चना की एमएसपी पर खरीद 10 लाख टन से ज्यादा की हो
चुकी है, तथा मध्य प्रदेश और राजस्थान की मंडियों से खरीद में हुई देरी के
कारण किसान ज्यादातर माल एमएसपी से नीचे बेच चुके हैं। स्टॉकिस्टों ने चालू
सीजन में गेहूं और जौ का स्टॉक ज्यादा किया है, जिस कारण चना की कीमतों
में तेजी नहीं बन पाई।
सूत्रों के अनुसार चालू सीजन में चना की
एमएसपी पर खरीद करीब 20 लाख टन होने का अनुममान है, जबकि सरकारी एजेंसियों
के पास पुराना करीब पांच लाख टन बचा हुआ है। ऐसे में केंद्रीय पूल में कुल
स्टॉक 25 लाख टन के करीब हो जायेगा, जबकि केंद्रीय पूल में तय मानकों बफर
के अनुसार 21 लाख टन का स्टॉक होना चाहिए। केंद्रीय एजेंसियों के पास मूंग
का बकाया स्टॉक 3.20 लाख टन का, उड़द का 30 हजार टन का, अरहर का 1.20 लाख
टन का और मसूर का 70 हजार टन का बकाया स्टॉक है।
जानकारों के
अनुसार चालू सीजन में मसूर का उत्पादन अनुमान ज्यादा है, इसके बावजूद भी
घरेलू खपत की पूर्ति के लिए कनाडा और आस्ट्रेलिया से करीब 2.50 लाख टन मसूर
का आयात करना होगा। घरेलू मंडियों में देसी मसूर की आवक बनी हुई है, तथा
मिलर्स केवल जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रहे हैं लेकिन आयातकों के पास
बदंरगाहों पर बकाया स्टॉक अच्छा है। अत: आयातक दाम तेज करना चाहते हैं, जिस
कारण इसके भाव में हल्का सुधार तो आ सकता है लेकिन बड़ी तेजी के आसार अभी
नहीं है।
बर्मा की लेमन अरहर 2022 की फसल की कीमतों में दिल्ली में 75 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,550 से 6,575 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
चेन्नई में, बर्मा की लेमन अरहर के भाव 6,250 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे, लेकिन ग्राहकी कमजोर थी।
महाराष्ट्र
की नांदेड़ लाईन से पुरानी अरहर का दिल्ली डिलीवरी का व्यापार क्रमशः
6,400 रुपये और 6,500 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर हुआ है।
मुंबई में लेमन अरहर के भाव 6,250 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
मुंबई
में तंजानिया की अरुषा अरहर के दाम 5,500-5,550 रुपये प्रति क्विंटल पर
स्थिर बने रहे। मलावी अरहर के दाम भी 4,900-5,000 रुपये प्रति क्विंटल के
पूर्वस्तर पर टिके रहे। मोजाम्बिक लाईन की गजरी अरहर की कीमतें 5,450 रुपये
प्रति क्विंटल बोली गई। इसी तरह से तंजानिया लाईन की मटवारा अरहर के दाम
5,350-5,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रहे। हालांकि इन भाव में ग्राहकी
कमजोर बनी रही।
मिलों की मांग कमजोर होने से दिल्ली में बर्मा
उड़द एफएक्यू और एसक्यू नई के भाव में 100-150 रुपये की गिरावट आकर दाम
क्रमश: 7,000 रुपये और 7,650 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान उड़द
एफएक्यू और एसक्यू पुरानी के भाव में भी 100-150 रुपये की गिरावट आकर भाव
क्रमश: 6,950 रुपये और 7,600 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। बर्मा में उड़द का
उत्पादन अनुमान ज्यादा है।
दाल मिलों की सीमित मांग से मुंबई में बर्मा उड़द एफएक्यू के भाव 25 रुपये कमजोर होकर 6,725 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
चेन्नई
में एफएक्यू उड़द और एसक्यू की हाजिर डिलीवरी के भाव में 50-50 रुपये का
मंदा आकर दाम क्रमश: 6,650 रुपये और 7,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
नीचे
दाम पर दाल मिलों की मांग बढ़ने से दिल्ली में कनाडा और मध्य प्रदेश की
मसूर के भाव में 50-50 रुपये तेज होकर दाम क्रमश: 7,050 रुपये और 7,000
रुपये प्रति क्विंटल हो गए। हालांकि, इन भाव में मिलों की खरीद कमजोर बनी
रही।
दाल मिलों की हाजिर मांग सीमित होने से कनाडा की मसूर के भाव
हजिरा बंदरगाह पर 6,950 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। इस दौरान
आस्ट्रेलियाई मसूर के दाम कंटेनर में 7,250 रुपये और कनाडा की मसूर के भाव
कंटेनर में 7,200 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।
30 अप्रैल 2022
अरहर और उड़द की कीमतों में गिरावट जारी, मसूर के भाव में आया सुधार
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