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19 अप्रैल 2022

केंद्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक तीन साल के न्यूनतम स्तर पर, विदेश में तेजी से बढ़ेगा निर्यात

नई दिल्ली। केंद्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक तीन साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है। पिछले साल गेहूं की एमएसपी पर खरीद अच्छी होने के बावजूद भी पहली अप्रैल, 2022 को केंद्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक 189.90 लाख टन पर आ गया जो एक साल पहले इसी समय 273 लाख टन पर था। हालांकि 1 अप्रैल 2022 को केंद्रीय पूल के तय मानकों, बफर 74.60 लाख टन के मुकाबले यह करीब ढाई गुना है। केंद्रीय पूल से सार्वजनिक वितरण प्रणाली, पीडीएस और अन्य दूसरी योजनाओं के लिए गेहूं और चावल का आवंटन किया जाता है।

यूक्रेन और रूस के युद्ध के चलते वैश्विक बाजार में गेहूं की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं। यही वजह है कि पिछले साल में 70 लाख टन गेहूं के निर्यात के बाद चालू साल में भी अप्रैल के जुलाई के लिए करीब 25 से 30 लाख टन गेहूं निर्यात के सौदे होने का अनुमान है। विश्व बाजार में दाम तेज हैं, इसलिए चालू साल में निर्यात में बढ़ोतरी होने का अनुमान है। हालांकि केंद्रीय पूल में बकाया स्टॉक सरकार के लिए चिंता पैदा कर सकता है, क्योंकि इस बार सरकारी खरीद में भी कमी आयेगी।

केंद्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक कम होने की मुख्य वजह प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्य योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत पांच किलो फ्री खाद्यान्न का आवंटन करना है। साथ ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत भी खाद्यान्न का आवंटन बढ़ा है। वित्त वर्ष 2019-20 में केंद्रीय पूल से गेहूं का उठाव 271.90 लाख टन रहा था। जो 2020-21 में बढ़कर 363.90 लाख टन पर पहुंच गया और पिछले वित्त वर्ष (2021-22) के 11 माह में अप्रैल से फरवरी के बीच यह 464.60 लाख टन पर पहुंच गया था। पिछले साल पीएमजीकेएवाई के तहत ही फरवरी तक 184.90 लाख टन गेहूं का उठाव हो चुका था।

चालू रबी सीजन में होली के बाद एकाएक तापमान में हुई बढ़ोतरी के कारण उत्तर भारत के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों के कई क्षेत्रों में प्रति हेक्टेयर उत्पादकता कम बैठ रही है। ऐसे में चालू सीजन में गेहूं का उत्पादन सरकार के पहले अनुमान 11.13 करोड़ टन से कम होने की आशंका है। प्रमुख उत्पादक राज्यों की कई मंडियों में गेहूं के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी 2,015 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा है, जिस कारण किसान सरकारी केंद्रों के बजाए निजी व्यापारियों को गेहूं बेच रहे हैं। इसलिए गेहूं की सरकारी खरीद भी तय लक्ष्य 444 लाख टन से कम होने का अनुमान है।

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