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28 अप्रैल 2022

गेहूं की एमएसपी पर खरीद तय लक्ष्य से आधी रहने की आशंका, हेफेड की कमर्शिलय खरीद से भाव तेज

नई दिल्ली। भारतीय खाद्व निगम, एफसीआई के अनुसार देशभर की मंडियों से न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर चालू रबी विपणन सीजन 2022-23 में अभी तक केवल 143.78 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई है। प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में गेहूं की दैनिक आवक काफी कम हो गई है, ऐसे में जानकारों का मानना है कि चालू रबी में एमएसपी पर गेहूं की खरीद 165 से 175 लाख टन ही हो पायेगी, जबकि केंद्र सरकार ने चालू रबी में गेहूं की खरीद का लक्ष्य 444 लाख टन का तय किया है।

हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान के साथ ही पंजाब की मंडियों में गेहूं की दैनिक आवक सामान्य की तुलना में कम हो रही है, जिस कारण सरकार खरीद में तेजी नहीं आ पा रही है। अभी तक हुई कुल खरीद में पंजाब और हरियाणा की हिस्सेदारी ज्यादा है जबकि पिछली बार केंद्रीय पूल में पंजाब के बाद सबसे ज्यादा गेहूं देने वाले मध्य प्रदेश से एमएसपी पर खरीद 26 लाख टन से भी कम हो पाई है।  

उधर हरियाणा राज्य सहकारी आपूर्ति एवं विपणन संघ (हैफेड) द्वारा हरियाणा की मंडियों से गेहूं की कमर्शिलय खरीद शुरू करने से भाव 25 से 30 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गए। हैफेड राज्य की मंडियों से गेहूं की खरीद 2,040 रुपये प्रति क्विंटल के साथ 25 रुपये दामी को मिलाकर 2,065 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कर रही है, जबकि केंद्र सरकार ने चालू रबी विपणन सीजन 2022-23 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी 2,015 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।

रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण विश्व बाजार में गेहूं के दाम तेज हैं, तथा भारत से बड़ी मात्रा में गेहूं का निर्यात हो रहा है। हैफेड के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार निगम को लंदन, मिडल-ईस्ट के देशों के साथ ही मिस्र को गेहूं निर्यात करने के आर्डर मिलें हैं, इसलिए निगम ने चालू रबी में करीब तीन लाख टन गेहूं की कमर्शिलय खरीद करने की योजना बनाई है। इसमें से करीब 2 लाख टन गेहूं निर्यात करने की योजना है। उन्होंनें बताया कि आमतौर पर निगम हर साल एमएसपी पर 50 हजार टन गेहूं की खरीद ही करता है।

जानकारों के अनुसार निर्यातक एवं स्टॉकिस्ट मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से गेहूं की खरीद ज्यादा मात्रा में कर रहे हैं, क्योंकि इन राज्यों में हरियाणा और पंजाब की तुलना में गेहूं की खरीद पर शुल्क कम है, साथ ही हरियाणा और पंजाब में इस बार क्वालिटी भी कमजोर है।

व्यापारियों के अनुसार सिरसा और फतेहाबाद में गेहूं की क्वालिटी हरियाणा के अन्य राज्यों में तुलना में अच्छी है, इसलिए निगम इन्हीं राज्यों की मंडियों से गेहूं की खरीद कर रही है। हैफेड गेहूं की खरीद में किसानों को आश्वासन दे रही है कि अगर राज्य सरकार ने गेहूं पर बोनस दिया तो, हैफेड द्वारा कमर्शिलय तौर पर खरीद गेहूं पर निगम किसानों को बोनस भी देगी।

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