नई
दिल्ली। उत्तर भारत के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों पंजाब, हरियाणा और
उत्तर प्रदेश के साथ ही राजस्थान की मंडियों में अगले सप्ताह से गेहूं की
दैनिक आवकों में बढ़ोतरी होगी, तथा मध्य अप्रैल तक आवकों का दबाव बनने पर
मौजूदा कीमतों में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आयेगा। इसके
बावजूद भी चालू रबी विपणन सीजन 2022-23 के दौरान गेहूं की सरकारी खरीद तय
लक्ष्य 444 लाख टन से कम रहने की आशंका है।
दिल्ली की नरेला मंडी
में शुक्रवार को गेहूं 2,072 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बिका। मंडी में
अगले सप्ताह से नई फसल की आवक बढ़ेगी, जिससे भाव में गिरावट ही आने का
अनुमान है। हालांकि दुनिया के दो सबड़े बड़े निर्यातक देशों रूस और यूक्रेन
में युद्ध के चलते अंतरराष्ट्रीय बजाार में गेहूं की कीमतों में भारी तेजी
आई थी, जिस कारण भारत से गेहूं का निर्यात बढ़ा है। निर्यातक कांडला
बंदरगाह पर गेहूं की खरीद 2,335 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कर रहे हैं।
जानकारों के अनुसार रूस-यूक्रेन युद्ध की जंग जारी रही तो फिर गेहूं की कीमतों में ज्यादा मंदे की संभावना नहीं है। रूस-यूक्रेन से गेहूं निर्यात नही होने के कारण विश्व बाजार में दाम तेज रह सकते हैं। रूस और यूक्रेन गेहूं के सबसे बड़े उत्पादकों में हैं। ऐसे में भारत से गेहूं का निर्यात बढ़ेगा। इस वर्ष 21 मार्च तक 70.35 लाख टन गेहूं का निर्यात किया जा चुका है।
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